Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Bhawani Prasad Mishra “ Ek aur aasman“ , “एक और आसमान” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

एक और आसमान  Ek aur aasman   उछली उजली चाँदनी ने उस पर हाथ फेरा चाँदनी से भी उजले पानी का पानी पर एक घेरा बन गया मन गया …

Hindi Poem of Bhawani Prasad Mishra “  Sangrah ke khilaf“ , “संग्रह के खिलाफ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

संग्रह के खिलाफ  Sangrah ke khilaf   और संग्रह जो मैं मुर्त्तिब करना चाह रहा हूँ उड़ा रही है उसके पन्ने एक बूडा आदमी चल रहा है सड़क पर …

Hindi Poem of Bhawani Prasad Mishra “  Ek Aagman“ , “एक आगमन” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

एक आगमन  Ek Aagman   किरणों ने झाँका है होगा प्रभात नये भाव पंछी  चहकते है आज नए फूल मन मे महकते हैं आज नये बागबां हम नये ढंग …

Hindi Poem of Bhawani Prasad Mishra “  Chot Choti Kavitaye“ , “छोटी छोटी कविताएँ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

छोटी छोटी कविताएँ  Chot Choti Kavitaye   कर्तव्य बन जाता है उसी क्षण जब हमें लगता है कि वह उस निष्ठा का अंग है जो जीवन के पहले क्षण …

Hindi Poem of Bhawani Prasad Mishra “  Apne janam din par“ , “अपने जन्म दिन पर” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

अपने जन्म दिन पर  Apne janam din par   एक सामान्य-सा अहं एक सकुचा-सकुचा-सा सदभाव बस इतना मै हूँ औए चाहता हूँ बने रहें मेरे ये नगण्य तत्व जितने …

Hindi Poem of Bhawani Prasad Mishra “  Use Kya naam du“ , “उसे क्या नाम दूँ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

उसे क्या नाम दूँ  Use Kya naam du   अपनी बुद्धि के अँधेरे में देखा नहीं छुआ जिसने मेरे छूने का जवाब छूने से दिया और जिसने मेरी चुप्पी …

Hindi Poem of Bhawani Prasad Mishra “  Yah to ho sakta he“ , “यह तो हो सकता है” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

यह तो हो सकता है  Yah to ho sakta he   कि थक जाऊं मैं लिखने-पढ़ने से कवि की तरह दिखने से अच्छा मानता हूँ मैं किसी का भी …

Hindi Poem of Bhawani Prasad Mishra “  Bacho ki Tarha“ , “बच्चों की तरह” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

बच्चों की तरह  Bacho ki Tarha   और जब रोये तो बच्चे की तरह ख़ालिस सुख ख़ालिस दुख न उसमें ख़याल कुछ पाने का न मलाल इसमें कुछ खोने …