Category: Hindi Poems
मंथरता से थकान Mantharta se thakan प्रेम तुम्हारी नीति थी मुझ पर राज करना तुम्हारी इच्छा मैं तुम्हारी राजनीति से मारा गया मेरे हृदय में हर पल मृत्यु …
सारे सिकंदर घर लौटने से पहले ही मर जाते हैं Sare sikandar ghar lotne se pahle hi mar jate he दुनिया का एक हिस्सा हमेशा अनजीता छूट जाता …
परिभाषा Paribhasha मौन एक नाद है जिसके पीछे अनहद नदी बहती है तुम्हारे कंठ का स्वर गांडीव से निकला वत्सदंत है जो मृत्यु नहीं देता, जीवन के पार …
देखी तेरी कासी Dekhi teri kasi किसी-किसी रात हम जुगनू भी नहीं होते हवा की परछाईं कांपती है मेरे रोमों पर मन के मैदान पर बेतरतीब उगी घास …
निविद Nivid हमने साथ रहना शुरू किया था धीरे-धीरे मैं अलग होता चला गया एक कमरा मैंने ऐसा बना लिया है जहाँ अब किसी का भी प्रवेश निषिद्ध …
हम हैं Hum he हम नन्हे-नन्हे बालक हैं, जैसे नन्हे-नन्हे रजकण। हम नन्हे-नन्हे बालक हैं, जैसे नन्हे-नन्हे जल-कण। लेकिन हम नन्हे रजकण ही, हैं विशाल पर्वत बन जाते। …
उठो लाल अब आँखे खोलो Utho la lab aankhe kholo पानी लाई हूँ मुँह धो लो बीती रात कमल दल फूले उनके ऊपर भंवरे डोले चिड़िया चहक उठी …
हम सब सुमन एक उपवन के Hum sab suman ek upvan ke एक हमारी धरती सबकी जिसकी मिट्टी में जन्मे हम मिली एक ही धूप हमें है सींचे …