Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Geeta Chaturvedi “Mantharta se thakan“ , “मंथरता से थकान” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मंथरता से थकान Mantharta se thakan   प्रेम तुम्हारी नीति थी मुझ पर राज करना तुम्हारी इच्छा मैं तुम्हारी राजनीति से मारा गया मेरे हृदय में हर पल मृत्यु …

Hindi Poem of Geeta Chaturvedi “Sare sikandar ghar lotne se pahle hi mar jate he“ , “सारे सिकंदर घर लौटने से पहले ही मर जाते हैं” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सारे सिकंदर घर लौटने से पहले ही मर जाते हैं Sare sikandar ghar lotne se pahle hi mar jate he   दुनिया का एक हिस्सा हमेशा अनजीता छूट जाता …

Hindi Poem of Geeta Chaturvedi “Paribhasha “ , “परिभाषा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

परिभाषा Paribhasha   मौन एक नाद है जिसके पीछे अनहद नदी बहती है तुम्हारे कंठ का स्वर गांडीव से निकला वत्सदंत है जो मृत्यु नहीं देता, जीवन के पार …

Hindi Poem of Geeta Chaturvedi “Dekhi teri kasi “ , “देखी तेरी कासी” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

देखी तेरी कासी Dekhi teri kasi   किसी-किसी रात हम जुगनू भी नहीं होते हवा की परछाईं कांपती है मेरे रोमों पर मन के मैदान पर बेतरतीब उगी घास …

Hindi Poem of Geeta Chaturvedi “Nivid“ , “निविद” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

निविद Nivid   हमने साथ रहना शुरू किया था धीरे-धीरे मैं अलग होता चला गया एक कमरा मैंने ऐसा बना लिया है जहाँ अब किसी का भी प्रवेश निषिद्ध …

Hindi Poem of Dwarika Prasad Maheshwari “Hum he“ , “हम हैं” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

हम हैं Hum he   हम नन्हे-नन्हे बालक हैं, जैसे नन्हे-नन्हे रजकण। हम नन्हे-नन्हे बालक हैं, जैसे नन्हे-नन्हे जल-कण। लेकिन हम नन्हे रजकण ही, हैं विशाल पर्वत बन जाते। …

Hindi Poem of Dwarika Prasad Maheshwari “Utho la lab aankhe kholo“ , “उठो लाल अब आँखे खोलो” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

उठो लाल अब आँखे खोलो Utho la lab aankhe kholo   पानी लाई हूँ मुँह धो लो बीती रात कमल दल फूले उनके ऊपर भंवरे डोले चिड़िया चहक उठी …

Hindi Poem of Dwarika Prasad Maheshwari “Hum sab suman ek upvan ke“ , “हम सब सुमन एक उपवन के” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

हम सब सुमन एक उपवन के Hum sab suman ek upvan ke   एक हमारी धरती सबकी जिसकी मिट्टी में जन्मे हम मिली एक ही धूप हमें है सींचे …