Category: Hindi Poems
मूलमंत्र Mulmantra मनचाही होती नहीं किसी की। बिना चले कब कहाँ हुई है मंज़िल पूरी यहाँ किसी की।। पर्वत की चोटी छूने को पर्वत पर चढ़ना पड़ता है। …
इतने ऊँचे उठो Intne unche utho देखो इस सारी दुनिया को एक दृष्टि से सिंचित करो धरा, समता की भाव वृष्टि से जाति भेद की, धर्म-वेश की काले …
हिन्दू या मुस्लिम के अहसासात को मत छेड़िए Hindu ya muslim ke ahsasat ko mat chediye हिंदू या मुस्लिम के अहसासात को मत छेड़िए अपनी कुरसी के लिए जज्बात …
आजादी के टूटे-फूटे सपने लेकर बैठा हूँ Ajadi ke tute phute sapne lekar betha hu मन तो मेरा भी करता है झूमूँ , नाचूँ, गाऊँ मैं आजादी की स्वर्ण-जयंती …
वेद में जिनका हवाला हाशिए पर भी नहीं Ved me jinka havala hashiye par bhi nahi वेद में जिनका हवाला हाशिए पर भी नहीं वे अभागे आस्था विश्वास ले …
न महलों की बुलंदी से न लफ़्ज़ों के नगीने से Na mahalo ki bulandi se na lafzo ke nagine se न महलों की बुलंदी से न लफ़्ज़ों के नगीने …
जिस्म क्या है रूह तक सब कुछ ख़ुलासा देखिए Jism kya he rooh tak sab kuch khulasa dekhiye जिस्म क्या है रूह तक सब कुछ ख़ुलासा देखिए आप भी …
चाँद है ज़ेरे-क़दम, सूरज खिलौना हो गया Chand he jore kadam suraj khilona ho gya चाँद है ज़ेरे-क़दम. सूरज खिलौना हो गया हाँ, मगर इस दौर में क़िरदार बौना …