Category: Hindi Poems
अनारी नर Anari nar राधा को मैंने आराधा गाँधी से छुट्टी पाने पर। मर्दों से उठ विश्वास गया, शास्त्रीजी के उठ जाने पर। अब नारी का युग आया है, …
काजू भुनी प्लेट में ह्विस्की गिलास में Kaju bhuni plate me Whiski glass me काजू भुने पलेट में, विस्की गिलास में उतरा है रामराज विधायक निवास में पक्के …
नहाऊँ मैं! Nahau me तुम कहती हो कि नहाऊँ मैं! क्या मैंने ऐसे पाप किए, जो इतना कष्ट उठाऊँ मैं? क्या आत्म-शुद्धि के लिए? नहीं, मैं वैसे ही हूँ …
जूते चले गए Jute chale gye जी, कुछ भी बात नहीं थी, अच्छा-बीछा घर से आया था। बीवी ने बड़े चाव से मुझको, बालूजा पहनाया था। बोली थीं, “देखो, …
मामाजी! Mamaji हे मामा जी! लो आज आपसे हो जाए अपनी कुछ रामा-श्यामा जी! हे मामा जी! पत्नी पर मैंने लिखा लिखा उनके प्राणोपम भाई पर, साली पर मैंने …
ग़ज़ल को ले चलो अब गाँव के दिलकश नज़ारों में Gazal ko le chao ab ganv ke dilkash nazaro me न महलों की बुलंदी से न लफ़्ज़ों के नगीने …
चाँद है ज़ेरे क़दम, सूरज खिलौना हो गया Chand he zere kadam suraj khilona ho gya चाँद है ज़ेरे क़दम. सूरज खिलौना हो गया हाँ, मगर इस दौर में …
न महलों की बुलन्दी से , न लफ़्ज़ों के नगीने से Na mahalo ki bulandi se, na lafazo ke Nagine se ग़ज़ल को ले चलो अब गाँव के दिलकश …