Category: Hindi Poems
जिसके सम्मोहन में पागल धरती है आकाश भी है Jiske sammohan me pagal dharti he aakash bhi he जिसके सम्मोहन में पागल धरती है आकाश भी है एक पहेली-सी …
भूख के एहसास को शेरो-सुख़न तक ले चलो Bhookh ke ehsaas ko shoro sukhan tak le chalo भूख के एहसास को शेरो-सुख़न तक ले चलो या अदब को मुफ़लिसों …
समधिन मेरी रसभीनी है Samdhin meri rasbhini he छह बच्चों की माँ है तो क्या, मुँह पर उनके रंगीनी है, समधिन मेरी रसभीनी है। माथे पर बिंदिया चमचम है, …
बेचता यूँ ही नहीं है आदमी ईमान को Bechta yu hi nahi hai aadmi iman ko बेचता यूँ ही नहीं है आदमी ईमान को, भूख ले जाती है ऐसे …
एजी कहूँ कि ओजी कहूँ? Eji kahu ki oji kahu एजी’ कहूँ कि ‘ओजी’ कहूँ ‘सुनोजी’ कहूँ कि ‘क्योंजी’ कहूँ ‘अरे ओ’ कहूँ कि ‘भाई’ कहूँ कि सिर्फ भई …
बताओ कैसे लिख दूं धूप फागुन की नशीली है Batao kese likh du dhoop Phagun ki nashili he घर में ठन्डे चूल्हे पर अगर खाली पतीली है बताओ कैसे …
चला जा! Chala ja गरीबों के घर का तो मालिक खुदा है तू अपना ही रुतबा बढ़ाता चला जा। बग़ावत से रह दूर, जा रेडियो पर तू जंगी तराने …
सुकुमार गधे Sukumar gadhe मेरे प्यारे सुकुमार गधे! जग पड़ा दुपहरी में सुनकर मैं तेरी मधुर पुकार गधे! मेरे प्यारे सुकुमार गधे! तन-मन गूंजा-गूंजा मकान, कमरे की गूंज़ीं दीवारें …