Category: Hindi Poems
तुम अचिर मधुमास की पहली सुहागिन Tum Achir madhumas ki pahli suhagin तुम अचिर मधुमास की पहली सुहागिन, क्यों न जाने कुँज-वन मे कूकती रहतीं अकेली! लाल फूलों …
तुम्हारे साथ होना चाहती हूँ Tumhare saath hona chahti hu तब मैं तुम्हारे साथ होना चाहती हूँ. शैशव की लीलाओं में वात्सल्य भरे नयनों की छाँह तले, सबसे …
तुम प्रणम्य Tum Pramay हे, मातृ-रूप हे विश्व-प्राण की प्रवाहिका हे नियामिका, वह परम-भाव ही इस भूतल पर छाया बन करुणा-ममता केवल अनुभव-गम्या, रम्या धारणा-जगतके आरपार तुम मूल …
बहुत दिन हो गए Bahut din ho gye बहुत दिन हो गए नदिया बड़ी संयत रही है, लहर के जाल में सब-कुछ समाए जा रही है . कहीं …
बीतते बरस लो नमन! Bitte baras lo naman जुड़ गया एक अध्याय और, गिनती आगे बढ़ गई ज़रा, जो शेष रहा था कच्चापन परिपक्व कर गए तपा-तपा . …
बुद्धिजीवी Budhi jivi तर्कों के तीरों की कमी नहीं तरकस में, बुद्धि के प्रयोगों की खुली छूट वाले हैं, छोटी सी बात बड़ी दूर तलक खींचते, राई का …
भिक्षां देहि Bhiksha dehi (माँ भारती अपने पुत्रों से भिक्षा माँग रही है- समय का फेर!) रीत रहा शब्द कोश, छीजता भंडार. बाधित स्वर, विकल बोल, जीर्ण वस्त्र …
मैं तुम्हारी प्रार्थना हूँ Me tumhari prarthna hu स्वर मुझे दो, मैं तुम्हारी प्रार्थना हूँ . भाव में डूबे अगम्य अगाध होकर व्याप जाने दो हवाओं की छुअन …