Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Gopal Prasad Vyas “Giriraj Maharaj ki Jay“ , “गिरिराज महाराज की जय!” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

गिरिराज महाराज की जय! Giriraj Maharaj ki Jay जगती में नग बहुत हैं, भारत में नगराज। भारत में गिरि बहुत हैं, ब्रज में श्री गिरिराज॥ भक्ति मुक्ति अनुरक्ति सब, …

Hindi Poem of Gopal Prasad Vyas “Mathura Mahima“ , “मथुरा-महिमा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मथुरा-महिमा Mathura Mahima प्रात उठि मंगला कौं धावैं मथुरा के लोग, कोऊ रंगेश्वर जायँ बोल उठैं बम-बम। आचमन करैं कोउ, गोता लैंय गिन-गिन, कोऊ बुरजन चढ़ि कूद परैं धम-धम। …

Hindi Poem of Amitabh Tripathi Amit “Vedna “ , “वेदना ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

वेदना Vedna   बीती जाय जवानी रे बीती जाय जवानी गई कपोलों की चिकनाई पडी़ आँख के नीचे छाई नई लकीरें उभर रही हैं सलवट हुई पेशानी रे बाती …

Hindi Poem of Gopal Prasad Vyas “Rasiya“ , “रसिया” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

रसिया Rasiya छोरा है जइयौं हुसियार, गाम में नेता आवैगौ। गाम में नेता आवैगौ, संग में धन्नौ लावैगौ। धन्नौ लावैगौ और पामन पर जावैगौ। पामन पर जावैगौ, बइयरन कूँ …

Hindi Poem of Amitabh Tripathi Amit “Bas itna sa samachar hai “ , “बस इतना सा समाचार है ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

बस इतना सा समाचार है Bas itna sa samachar hai   जितना अधिक पचाया जिसने उतनी ही छोटी डकार है बस इतना सा समाचार है निर्धन देश धनी रखवाले …

Hindi Poem of Gopal Prasad Vyas “Hum aur aham“ , “हम और अहम” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

हम और अहम Hum aur aham चकवा हम ‘चन्द्र सरोवर’ के, मथुरा के मलंग धड़ाम के हैं। गुन-आगरे, आगरे में हू रहे, नहीं बावरे हैं, कछु काम के हैं। …

Hindi Poem of Amitabh Tripathi Amit “Chalo lote kavita ki aur “ , “चलो लौटें कविता की ओर ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

चलो लौटें कविता की ओर Chalo lote kavita ki aur   छोड़ कर, व्यस्त क्रमों की डोर चलो लौटें कविता की ओर कसमसाहट है मन बेचैन चतुर्दिक विम्ब खोजते …

Hindi Poem of Gopal Prasad Vyas “Hansile dohe“ , “हँसीले दोहे” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

हँसीले दोहे Hansile dohe कोऊ कोटिक संग्रहौ, कोऊ लाख-पचीस। राम, हमारी तौ बनी रहै चार सौ बीस॥ जाको राखे साइयाँ, मार सकै नहिं कोइ। ज्यों-ज्यों मंत्री कोसिए, त्यों-त्यों मोटौ …