Category: Hindi Poems
गाँव की बदल गई है भोर Ganv ki badal gai hai bhor कोयल की कूकों में शामिल है ट्रैक्टर का शोर धान-रोपाई के गीतों की तान हुई कमजोर …
यारो, मारो डींग! Yaro maro deeng कहौ हमारे बाप के बाप, बाप के बाप, उनके जूता कौ हुतौ छप्पन गज कौ नाप। छप्पन गज कौ नाप कि वामैं घुसिगौ …
नमो-नमो यमुना महारानी! Namo namo Yamuna maharani गंगा घहरावैं, युमनाजी मंद-मंद बहैं, वहाँ रोड़ी-रोड़ा, यहाँ कदमन की छय्या। वहाँ पड़ै हड्डी, यहाँ चढ़ैं दूध फूल, वहाँ चंडी चेतै, यहाँ …
रास-रसोत्सव Raas rasotav मुरली मोहन की बजी जमुना-तट पै ‘व्यास’। जल थंभ्यौ, चन्दा रुक्यौ, हहर उठ्यौ आकास॥ हहर उठ्यौ आकास, लगे बतरावन तारे॥ कौन राग अनुरागत ब्रज में नंद-दुलारे। …
गर्मी के दिन Garmi ke din भोर जल्द भाग गई लू के डर से साँझ भी निकली है बहुत देर में घर से पछुँआ के झोकों से बरसती …
कुछ तो कहीं हुआ है Kuch to kahi hua hai कुछ तो कहीं हुआ है, भाई कुछ तो कहीं हुआ है झमझम बारिश है बसंत में सावन में …
योजना बनाओ तो Yojna banao to रहिबे कूं घर को मकान होई अट्टादार हाथ सिलबट्टा पै उछट्टा दै हिलत जायँ। द्वार बंधी गय्या होइ, घर में लुगय्या होइ, बंक …
कवि कुछ रचो नवीन Kavi kuch racho navin कवि कुछ रचो नवीन, वीन झंकृत हो मन की। कल की जड़ीभूत उपमायें विम्ब पुरातन वही कथायें पात ढाक के …