Category: Hindi Poems
जीवन दर्शन Jeevan darshan व्याप्त हो तुम यों सृजन में नीर जैसे ओस कन में हे! अलक्षित। तुम्हे जीवन में, मरण में शून्य में वातावरण में पर्वतों में …
हमारे समय में प्रेम Hamare samay me prem चिठ्ठियाँ तो थी नहीं की जुगा कर रखते बस कुछ एस०एम०एस० थे बहुत दिनों तक बचे रहे मगर एक दिन मिटना …
बचपन Bachpan यायावर के फेरों जैसा है यह जीवन बारहमासी सुधियों की कुछ गठरी खोलें जब भी मन पर छाय उदासी नानी की मुस्कान पोपली, माँ की झुँझलाई …
ऐसा क्यों होता है Esa kyo hota he कई दिनों के बाद जब पति-पत्नी लौटे तो बगीचे के फूल किसी ने तोड़ लिए थे । पति बेहद नाराज़ हुआ …
व्याप्त है विपुल हर्ष Vyapt hai vipul harsh व्याप्त है विपुल हर्ष कविता कोश ने पूर्ण किये तीन वर्ष कविता का यह महासागर बनने को उद्यत है हिन्दी …
आदिवासी Adivasi ठण्डे लोहे-सा अपना कन्धा ज़रा झुकाओ हमें उस पर पाँव रख कर लम्बी छलाँग लगानी है मुल्क को आगे ले जाना है बाज़ार चहक रहा है और …
हे! हिन्दी के रुद्रावतार He hindi ke rudravtar हे! हिन्दी के रुद्रावतार! भाषानिधि अम्बुधि महाकार कविता-नवीन के शिल्पकार जीवनी शक्ति जो दुर्निवार अर्पित तुमको यह पुष्पहार चन्दन है! …
चुप्पा आदमी Chuppa aadmi आदमी के चुप रहने का मतलब यह तो नहीं कि उसके भीतर कोई हलचल नहीं है फिर भी उन्हें पसन्द है चुप्पा आदमी चुप रहने …