Category: Hindi Poems
सत्य की शोक-सभा Satya ki shok sabha अच्छा हुआ तुम नहीं आये शोक सभा थी तुम्हारी ही मृत्यु की याद किया सभी ने तुम्हें गुण गाये गये तुम्हारे …
माफ़ीनामा Mafirnama मेरी धमनियों में उन राजन्यों का रक्त है जो कभी छत्री रहे तो कभी बाम्हन जिन्होंने बनाया था दुनिया का पहला ‘गणतंत्र’ मगर तुम्हें नहीं दिया था …
वास्तविकता Vastvikta ड्राइंग रूम में अपना एक चित्र लगाया है जो मुझे आकर्षक दिखाता है पर मेरे जैसा नहीं दिखता एक तख्ती दरवाजे पर उपाधियां दर्शाती है, मेरी …
उद्धारक Uddharak हम तुम्हारा उद्धार करेंगे ज़िन्दा रखा तो जूठन खिला कर पाँव धुलवा कर तुम्हारा उद्धार करेंगे मार दिया तो बैंकुण्ठ भिजवा कर तुम्हारे वंशजों को अपना भक्त …
मैने देखा Mene dekha मैनें देखा, मैनें देखा जीर्ण श्वान-तनया के तन से लिपट रहे कुछ मोटे झबरीले पिल्लों को रक्त चूसते से थे जैसे शुष्क वक्ष से …
प्रसाद Prasad जलती हैं हमारी हड्डियाँ समिधा बन कर हमारा ही श्रम बनता है हविष्य और प्रज्ज्वलित करते हैं उसे हमारे ही श्रम-बिन्दु घृत बन कर पड़ता है, …
इस बार आओगे तो पाओगे Is baar aaoge to paoge इस बार आओगे तो पाओगे… नये फ्रेम में लगा दी है मैनें अपनी और तुम्हारी तस्वीर, निहारती हूँ …
आज भी वहीं खड़ा उद्दीप्त Aaj bhi vahi khada adipt आज भी वहीं खड़ा उद्दीप्त विश्वधारा में मैं निरुपाय खोजता हूँ बस एक आलम्ब यजन करने का तुच्छ …