Category: Hindi Poems
कभी – कभी जो नीति हमें चलना Kabhi – kabhi jo niti hame chalna कभी – कभी जो नीति हमें चलना सिखलाती है। कभी वही हमको इच्छित पथ …
उम्मीद Umeed जब आदमी उम्मीद से आसमान की ओर देखता है तब इस धरती का रंग बदलने लगता है Related posts: Hindi Poem of Madan Kashyap “Abhi bhi bache …
एक अन्तहीन कविता Ek antheen kavita रिसने लगा है पानी पसीजी दीवारों से आँखों से अब और आँसू नहीं पिये जाते पहले रंग उतरा और अब उखड़ने लगा …
बहुत बोल चुके आप हमारे बारे में Bahut bol cheke aap hamare bare me अपना ही देश है हमारे पास नहीं है कोई पटकथा हम खाली हाथ ही नहीं …
जितना अधिक पचाया जिसने Jitna adhik pachaya jisne जितना अधिक पचाया जिसने उतनी ही छोटी डकार है बस इतना सा समाचार है निर्धन देश धनी रखवाले भाई चाचा …
त्रिलोचन Trilochan गँवई गाँव के मनुख त्रिलोचन सीधे-सादे खुरदुरी मुट्ठी में अपना आकाश बाँधे धरती के उस जनपद से हैं प्यार लुटाते परिचित और अपरिचित सबको गले लगाते चले …
फिर क्यों मन में संशय तेरे Fir kyo man me sanshay tere फिर क्यों मन में संशय तेरे जब-जब दीप जलाये तूने दूर हुये हैं घने अंधेरे फिर …
त्रिपदियाँ Tripadiya लोकतन्त्र एक लोकतन्त्र में तुम्हे हक़ है किसी को भी चुन लेना का मगर कुछ भी बदलने का नहीं दो तुम्हे पता भी नहीं होता तुम्हारे द्वारा …