Category: Hindi Poems
शब्द ही हैं मन्त्र Shabd hi he mantra झील में वे हंस से तिरते शिकारे, अप्सराएँ नाव फूलों से सँवारे! घाटियों में भर कुहासा, कुहुक पढ़तीं एक माया-लोक …
सुनो कबीर! Suno Kabir एक नन्हीं-सी ज्योति! माटी में आँचल में अँकुआता बीज, काल -धारा में बहे जा रहे जीवन को निरंतरता की रज्जु में बाँधता. भंगुर-से तन …
सूरज देर से निकला Suraj der se nikla आज सूरज रोज से कुछ देर से निकला! लो, तुम्हारी हो गई सच बात, सूरज देर से निकला! कुछ लगा …
संदर्भहीन Sandharheen सपनों जैसे नयनों में झलक दिखा जाते कैसे होंगे सरिता तट, वे झाऊ के वन! घासों के नन्हें फूल उगे होंगे तट पर, रेतियाँ कसमसा पग-तल …
चिनार के पत्ते Chinar ke patte उड़ आए तूफ़ानी हवाओं के साथ, ये चिनार के पत्ते! बर्फ़ की सफ़ेद चादर पर जगह -जगह ख़ून के धब्बे! उसी लहू …
रेख़्ता Rakhta (एक) लोग हिलाले-शाम से बढ़कर पल में माहे-तमाम हुए हम हर बुर्ज में घटते-घटते सुबह तलक गुमनाम हुए उन लोगों की बात करो जो इश्क में खुश-अंजाम …
शिप्रा की लहरें Shipra ki lahar लहर स्वर में गूँजती अविरल,तरल बन किस अमर संगीत की प्रतिध्वनि अमर हो,! बाजती रहती अनश्वर रागिनी कलकल स्वरों मे चिर- मधुर …
शम्भू की बारात Shambhi ki barat लो, चली ये शंभु की बारात! आज गौरी वरेंगी जगदीश्वर को, चल दिये है ब्याहने अद्भुत बराती साथ . चढ़े बसहा चले …