Category: Hindi Poems
सुनो इतना कुछ कि Suno itna kuch ki सुनो इतना कुछ कि कुछ भी न सुन सको जानो इतना कुछ कि कुछ भी न जान सको समझो इतना कुछ …
यदि तुम्हें मैं भूल पाता Yadi tumhe me bhul pata यदि तुम्हें मैं भूल पाता, जगत के सारे सुखो को स्वयं के अनुकूल पाता यदि तुम्हे मै भूल …
मैं आँखें मूँदें सुनूँ और तुम गाओ Me aankhe munden sunu aur tum gao मैं आँखें मूँदें सुनूँ और तुम गाओ, मैं अपलक रूप निहारूँ तुम मुस्काओ। कर …
अभी भी बचे हैं Abhi bhi bache he अभी भी बचे हैं कुछ आख़िरी बेचैन शब्द जिनसे शुरू की जा सकती है कविता बची हुई हैं कुछ उष्ण साँसे …
जीवन की साँझ ढले तुम दीप जलाने आ जाना। Jeevan ki sanjh dhale tum deep jalane aa jana जीवन की साँझ ढले तुम दीप जलाने आ जाना। कुछ …
उजास Ujas तब तक इजिप्ट के पिरामिड नहीं बने थे जब दुनिया में पहले प्यार का जन्म हुआ तब तक आत्मा की खोज भी नहीं हुई थी, शरीर ही …
जब जीवन की साँझ ढले Jab jeevan ki sanjh dhale जग तू मुझे अकेला कर दे। इच्छा और अपेक्षाओं में स्वार्थ परार्थ कामनाओं में श्लिष्ट हुआ मन अकुलाता …
कभी पाना मुझे Kabhi pana mujhe तुम अभी आग ही आग मैं बुझता चिराग हवा से भी अधिक अस्थिर हाथों से पकड़ता एक किरण का स्पन्द पानी पर लिखता …