Category: Hindi Poems
इतना कुछ था Itna kuch tha इतना कुछ था दुनिया में लड़ने झगड़ने को पर ऐसा मन मिला कि ज़रा-से प्यार में डूबा रहा और जीवन बीत गया Related …
अच्छा लगा Acha laga पार्क में बैठा रहा कुछ देर तक अच्छा लगा, पेड़ की छाया का सुख अच्छा लगा, डाल से पत्ता गिरा- पत्ते का मन, “अब चलूँ” …
अयोध्या Ayodhya हे राम, जीवन एक कटु यथार्थ है और तुम एक महाकाव्य! तुम्हारे बस की नहीं उस अविवेक पर विजय जिसके दस बीस नहीं अब लाखों सर – …
कविता Kavita कविता वक्तव्य नहीं गवाह है कभी हमारे सामने कभी हमसे पहले कभी हमारे बाद कोई चाहे भी तो रोक नहीं सकता भाषा में उसका बयान जिसका पूरा …
कविता की ज़रूरत Kavita ki jarurat बहुत कुछ दे सकती है कविता क्यों कि बहुत कुछ हो सकती है कविता ज़िन्दगी में अगर हम जगह दें उसे जैसे फलों …
घर पहुँचना Ghar Pahuchna हम सब एक सीधी ट्रेन पकड़ कर अपने अपने घर पहुँचना चाहते हम सब ट्रेनें बदलने की झंझटों से बचना चाहते हम सब चाहते एक …
उत्केंद्रित Utkendrit मैं ज़िंदगी से भागना नहीं उससे जुड़ना चाहता हूँ। – उसे झकझोरना चाहता हूँ उसके काल्पनिक अक्ष पर ठीक उस जगह जहाँ वह सबसे अधिक बेध्य हो …
जन्म-कुंडली Janam Kundali फूलों पर पड़े-पड़े अकसर मैंने ओस के बारे में सोचा है किरणों की नोकों से ठहराकर ज्योति-बिन्दु फूलों पर किस ज्योतिर्विद ने इस जगमग खगोल की …