Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Kunwar Narayan “Columbus ka jahaj“ , “कोलम्बस का जहाज” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

कोलम्बस का जहाज Columbus ka jahaj बार-बार लौटता है कोलम्बस का जहाज खोज कर एक नई दुनिया, नई-नई माल-मंडियाँ, हवा में झूमते मस्तूल लहराती झंडियाँ। बाज़ारों में दूर ही …

Hindi Poem of Amitabh Tripathi Amit “Kese hava chali upvan me sahsa kali-kali murjhai“ , “कैसी हवा चली उपवन में सहसा कली-कली मुरझाई ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

कैसी हवा चली उपवन में सहसा कली-कली मुरझाई Kese hava chali upvan me sahsa kali-kali murjhai   कैसी हवा चली उपवन में सहसा कली-कली मुरझाई। ईश्वर नें निश्वास किया …

Hindi Poem of Kunwar Narayan “Srijan ke kshan“ , “सृजन के क्षण” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सृजन के क्षण Srijan ke kshan रात मीठी चांदनी है, मौन की चादर तनी है, एक चेहरा? या कटोरा सोम मेरे हाथ में दो नयन? या नखतवाले व्योरम मेरे …

Hindi Poem of Amitabh Tripathi Amit “Smriti k eve chinha ubharte hai kuch ujale kuch dhundhle-dhundhle“ , “स्मृति के वे चिह्न उभरते हैं कुछ उजले कुछ धुंधले-धुंधलेहैं ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

स्मृति के वे चिह्न उभरते हैं कुछ उजले कुछ धुंधले-धुंधले Smriti k eve chinha ubharte hai kuch ujale kuch dhundhle-dhundhle   स्मृति के वे चिह्न उभरते हैं कुछ उजले …

Hindi Poem of Kunwar Narayan “Etihasik fasle“ , “ऐतिहासिक फ़ासले” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

ऐतिहासिक फ़ासले Etihasik fasle अच्छी तरह याद है तब तेरह दिन लगे थे ट्रेन से साइबेरिया के मैदानों को पार करके मास्को से बाइजिंग तक पहुँचने में। अब केवल …

Hindi Poem of Amitabh Tripathi Amit “Ratri ke antim prahar tak tum na mujhse door jana“ , “रात्रि के अंन्तिम प्रहर तक तुम न मुझसे दूर जाना ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

रात्रि के अंन्तिम प्रहर तक तुम न मुझसे दूर जाना Ratri ke antim prahar tak tum na mujhse door jana   रात्रि के अंन्तिम प्रहर तक तुम न मुझसे …

Hindi Poem of Kunwar Narayan “Rote hanste“ , “रोते-हँसते” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

रोते-हँसते Rote hanste जैसे बेबात हँसी आ जाती है हँसते चेहरों को देख कर जैसे अनायास आँसू आ जाते हैं रोते चेहरों को देख कर हँसी और रोने के …

Hindi Poem of Amitabh Tripathi Amit “Aham ki odh kar chadar“ , “अहम की ओढ़ कर चादर ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

अहम की ओढ़ कर चादर Aham ki odh kar chadar   अहम की ओढ़ कर चादर फिरा करते हैं हम अक्सर अहम अहमों से टकराते बिखरते चूर होते हैं …