Category: Hindi Poems
घबरा कर Ghabra kar वह किसी उम्मीद से मेरी ओर मुड़ा था लेकिन घबरा कर वह नहीं मैं उस पर भूँक पड़ा था । ज़्यादातर कुत्ते पागल नहीं होते …
तलाशे-इश्क़ में सारी उमर तमाम हुई Talase-ishq me sari umar tamam hui तलाशे-इश्क़ मे सारी उमर तमाम हुई आके दहलीज पे इक बेवफ़ा के शाम हुई ग़मे-फ़िराक़, ग़मे-कार, …
किसी पवित्र इच्छा की घड़ी में Kisi pavitra ichcha ki ghadi me व्यक्ति को विकार की ही तरह पढ़ना जीवन का अशुद्ध पाठ है। वह एक नाज़ुक स्पन्द है …
ये पंक्तियाँ मेरे निकट Ye panktiya mere nikat ये पंक्तियाँ मेरे निकट आईं नहीं मैं ही गया उनके निकट उनको मनाने, ढीठ, उच्छृंखल अबाध्य इकाइयों को पास लाने: कुछ …
दूसरी तरफ़ उसकी उपस्थिति Dusri taraf uski upasthiti वहाँ वह भी था जैसे किसी सच्चे और सुहृद शब्द की हिम्मतों में बँधी हुई एक ठीक कोशिश……. जब भी परिचित …
इसे-शौक आजमाते हैं Baise-shok aajmate hai बाइसे-शौक आजमाते हैं कितने मज़बूत अपने नाते हैं रोज़ कश्ती सवाँरता हूँ मैं कुछ नये छेद हो ही जाते हैं बाकलमख़ुद बयान …
लापता का हुलिया Lapata ka huliya रंग गेहुआं ढंग खेतिहर उसके माथे पर चोट का निशान कद पांच फुट से कम नहीं ऐसी बात करताकि उसे कोई गम नहीं। …
उनके पश्चात् Unke pashchat कुछ घटता चला जाता है मुझमें उनके न रहने से जो थे मेरे साथ मैं क्या कह सकता हूँ उनके बारे में, अब कुछ भी …