Category: Hindi Poems
पवन ने कहा Pawan ne kaha पवन ने कहा सौंप दो मुझे अपना सब सत्व तमस व रजत चाहती हूँ मैं स्वयं से जोड़ना तुमको यही होगी गति उत्तम …
साईं अपने भ्रात को Sai apne bhrat ko साईं अपने भ्रात को, कबहुं न दीजै त्रास पलक दूर नहिं कीजिये, सदा राखिये पास सदा राखिये पास, त्रास कबहूं …
नेह के सन्दर्भ बौने हो गए Neh ke sandarbh bone ho gye नेह के सन्दर्भ बौने हो गए होंगे मगर, फिर भी तुम्हारे साथ मेरी भावनायें हैं, शक्ति के …
कमरी थोरे दाम की Kamri thore dam ki कमरी थोरे दाम की, बहुतै आवै काम। खासा मलमल वाफ्ता, उनकर राखै मान॥ उनकर राखै मान, बँद जहँ आड़े आवै। …
देवदास मत होना Devdas mat hona खुद से भी मिल न सको, इतने पास मत होना इश्क़ तो करना, मगर देवदास मत होना देखना, चाहना, फिर माँगना, या खो …
सांई सब संसार में Sai sab sansar me सांई सब संसार में, मतलब को व्यवहार। जब लग पैसा गांठ में, तब लग ताको यार॥ तब लग ताको यार, …
दुःखी मत हो Dukhi mat ho सार्त्र! तुम्हें आदमी के अस्तित्व की चिंता है न? दुःखी मत हो दार्शनिक मैं तुम्हें सुझाता हूँ क्षणों को पूरे आत्मबोध के साथ …
चिंता ज्वाल सरीर की Chinta jwal sarir ki चिंता ज्वाल सरीर की, दाह लगे न बुझाय। प्रकट धुआं नहिं देखिए, उर अंतर धुंधुवाय॥ उर अंतर धुंधुवाय, जरै जस …