Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Kumar vishvas “Pawan ne kaha“ , “पवन ने कहा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

पवन ने कहा Pawan ne kaha पवन ने कहा सौंप दो मुझे अपना सब सत्व तमस व रजत चाहती हूँ मैं स्वयं से जोड़ना तुमको यही होगी गति उत्तम …

Hindi Poem of Giridhar “Sai apne bhrat ko“ , “साईं अपने भ्रात को” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

साईं अपने भ्रात को Sai apne bhrat ko   साईं अपने भ्रात को, कबहुं न दीजै त्रास पलक दूर नहिं कीजिये, सदा राखिये पास सदा राखिये पास, त्रास कबहूं …

Hindi Poem of Kumar vishvas “Neh ke sandarbh bone ho gye“ , “नेह के सन्दर्भ बौने हो गए” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

नेह के सन्दर्भ बौने हो गए Neh ke sandarbh bone ho gye नेह के सन्दर्भ बौने हो गए होंगे मगर, फिर भी तुम्हारे साथ मेरी भावनायें हैं, शक्ति के …

Hindi Poem of Giridhar “Kamri thore dam ki“ , “कमरी थोरे दाम की” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

कमरी थोरे दाम की Kamri thore dam ki   कमरी थोरे दाम की, बहुतै आवै काम। खासा मलमल वाफ्ता, उनकर राखै मान॥ उनकर राखै मान, बँद जहँ आड़े आवै। …

Hindi Poem of Kumar vishvas “Devdas mat hona“ , “देवदास मत होना” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

देवदास मत होना Devdas mat hona खुद से भी मिल न सको, इतने पास मत होना इश्क़ तो करना, मगर देवदास मत होना देखना, चाहना, फिर माँगना, या खो …

Hindi Poem of Giridhar “Sai sab sansar me“ , “सांई सब संसार में” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सांई सब संसार में Sai sab sansar me   सांई सब संसार में, मतलब को व्यवहार। जब लग पैसा गांठ में, तब लग ताको यार॥ तब लग ताको यार, …

Hindi Poem of Kumar vishvas “Dukhi mat ho“ , “दुःखी मत हो” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

दुःखी मत हो Dukhi mat ho सार्त्र! तुम्हें आदमी के अस्तित्व की चिंता है न? दुःखी मत हो दार्शनिक मैं तुम्हें सुझाता हूँ क्षणों को पूरे आत्मबोध के साथ …

Hindi Poem of Giridhar “Chinta jwal sarir ki“ , “चिंता ज्वाल सरीर की” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

चिंता ज्वाल सरीर की Chinta jwal sarir ki   चिंता ज्वाल सरीर की, दाह लगे न बुझाय। प्रकट धुआं नहिं देखिए, उर अंतर धुंधुवाय॥ उर अंतर धुंधुवाय, जरै जस …