Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Kumar vishvas “Tumhe me pyar nahi de paunga“ , “तुम्हे मैं प्यार नहीं दे पाऊँगा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

तुम्हे मैं प्यार नहीं दे पाऊँगा Tumhe me pyar nahi de paunga ओ कल्पव्रक्ष की सोनजुही! ओ अमलताश की अमलकली! धरती के आतप से जलते… मन पर छाई निर्मल …

Hindi Poem of Giridhar “Pani badho nav me“ , “पानी बाढो नाव में ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

पानी बाढो नाव में Pani badho nav me   पानी बाढो नाव में, घर में बाढो दाम। दोनों हाथ उलीचिए, यही सयानो काम॥ यही सयानो काम, राम को सुमिरन …

Hindi Poem of Kumar vishvas “Tumhari chat pe nigrani bahut hai“ , “तुम्हारी छत पे निगरानी बहुत है” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

तुम्हारी छत पे निगरानी बहुत है Tumhari chat pe nigrani bahut hai तुम्हें जीने में आसानी बहुत है तुम्हारे ख़ून में पानी बहुत है ज़हर-सूली ने गाली-गोलियों ने हमारी …

Hindi Poem of Giridhar “Sai apne chitt ki“ , “सांई अपने चित्त की ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सांई अपने चित्त की Sai apne chitt ki   सांई अपने चित्त की, भूलि न कहिये कोइ। तब लगि मन में राखिये, जब लगि कारज होइ॥ जब लगि कारज …

Hindi Poem of Kumar vishvas “Tumhara phone aaya hai“ , “तुम्हारा फ़ोन आया है” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

तुम्हारा फ़ोन आया है Tumhara phone aaya hai अजब सी ऊब शामिल हो गयी है रोज़ जीने में पलों को दिन में, दिन को काट कर जीना महीने में …

Hindi Poem of Giridhar “Bin vichare jo kare“ , “बिना विचारे जो करै” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

बिना विचारे जो करै Bin vichare jo kare   बिना विचारे जो करै, सो पाछे पछिताय। काम बिगारै आपनो, जग में होत हंसाय॥ जग में होत हंसाय, चित्त चित्त …

Hindi Poem of Kumar vishvas “Jiski dhun par duniya nache“ , “जिसकी धुन पर दुनिया नाचे” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

जिसकी धुन पर दुनिया नाचे Jiski dhun par duniya nache जिसकी धुन पर दुनिया नाचे, दिल ऐसा इकतारा है, जो हमको भी प्यारा है और, जो तुमको भी प्यारा …

Hindi Poem of Anamika “Sai asvar ke pare“ , “सांई अवसर के परे” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सांई अवसर के परे Sai asvar ke pare   सांई अवसर के परे, को न सहै दु:ख द्वंद। जाय बिकाने डोम घर, वै राजा हरिचंद॥ वै राजा हरिचंद, करैं …