Category: Hindi Poems
तीस तक Tees tak (अरुंधती सुब्रमण्यम की कविता) तीस तक मध्यच्छद मोटा हो जाता है आपको दिलाता हुआ याद उन शिशुओं की जिनको आकार दे ही नहीं पायीं …
अमावस की काली रातों में Amavas ki kali rato me मावस की काली रातों में दिल का दरवाजा खुलता है, जब दर्द की काली रातों में गम आंसू के …
प्रथम स्राव Pratham Strav उसकी सफेद फ्रॉक और जाँघिए पर किस परी माँ ने काढ़ दिए हैं कत्थई गुलाब रात-भर में? और कहानी के वे सात बौने क्यों …
तुम अगर नहीं आयीं Tum agar nahi aayi तुम अगर नहीं आयीं, गीत गा ना पाऊँगा| साँस साथ छोडेगी, सुर सजा ना पाऊँगा| तान भावना की है, शब्द-शब्द दर्पण …
महाकाल Mahakal महाकाल सृष्टि का नौवां महीना है, छत्तीसवाँ महीना मेरे भीतर कुछ चल रहा है षड़यंत्र नहीं, तंत्र-मंत्र नहीं, लेकिन चल रहा है लगातार! बढ़ रहा है …
सब तमन्नाएँ हों पूरी Sab Tammnaye ho puri सब तमन्नाएँ हों पूरी, कोई ख्वाहिश भी रहे चाहता वो है, मुहब्बत में नुमाइश भी रहे आसमाँ चूमे मेरे पँख तेरी …
सृष्टि Srishthi सृष्टि की पहली सुबह थी वह! कहा गया मुझसे तू उजियारा है धरती का और छीन लिया गया मेरा सूरज! कहा गया मुझसे तू बुलबुल है …
है नमन उनको Hai naman unko है नमन उनको कि जो यशकाय को अमरत्व देकर इस जगत के शौर्य की जीवित कहानी हो गये हैं है नमन उनको कि …