Category: Hindi Poems
सावन-भादों साठ ही दिन हैं Savan bhado sath hi din he सावन-भादों साठ ही दिन हैं फिर वो रुत की बात कहाँ अपने अश्क मुसलसल बरसें अपनी-सी बरसात कहाँ …
झेलम का पत्र Jhelum ka patra झेलम ने पत्र लिखा कावेरी को – ‘बहना! सौभाग्यवती चिर रहो, तुम्हें मेरा दुलार, सब बहनों को हिमवान पिता का शुभाशीष! कावेरी …
महाकाल Mahakal कवि,महाकाल माँगता नहीं म़दु-मधुर मात्र, सारे स्वादों से युक्त परोसा वह लेगा. भोजक, सब रस वाले व्यंजन प्रस्तुत कर दे अपनी रुचि का वह ग्रास स्वयं …
हम उनसे अगर मिल बैठते हैं Hum unse agar mil bethte he हम उनसे अगर मिल बैठते हैं क्या दोष हमारा होता है कुछ अपनी जसारत होती है कुछ …
नीलम घाटी की पुकार Nilam ghati ki pukar लाख भुलाऊँ नहीं भूलती मित्रों, एक कहानी, मन को थोड़ा हलका कर लूँ कह कर उसे ज़ुबानी. पहले मेरे साथ …
इंतज़ार की रात Intjar ki rat उमड़ते आते हैं शाम के साये दम-ब-दम बढ़ रही है तारीकी एक दुनिया उदास है लेकिन कुछ से कुछ सोचकर दिले-वहशी मुस्कराने लगा …
उज्जयिनी से Ujjyini se खींचता मुझको सदा उस पुण्य-भू मे, कौन सा अज्ञात आकर्षण न जाने, बीत कर भी टेरता है विगत मुझको कौन सा मधुमास सोया है …
कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तेरा Kal chodhvi ki raat thi sab bhar raha charcha tera कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा …