Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Sishan Saroj “Geet kavi ki vyatha“ , “गीत कवि की व्यथा ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

गीत कवि की व्यथा 1 Geet kavi ki vyatha 1 ओ लेखनी विश्राम कर अब और यात्रायें नहीं मंगल कलश पर काव्य के अब शब्द के स्वस्तिक न रच …

Hindi Poem of Anamika “Rishta“ , “रिश्ता ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

रिश्ता Rishta   वह बिलकुल अनजान थी! मेरा उससे रिश्ता बस इतना था कि हम एक पंसारी के ग्राहक थे नए मुहल्ले में। वह मेरे पहले से बैठी थी …

Hindi Poem of Sishan Saroj “Tum nishchint rahna“ , “तुम निश्चिन्त रहना” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

तुम निश्चिन्त रहना Tum nishchint rahna कर दिए लो आज गंगा में प्रवाहित सब तुम्हारे पत्र, सारे चित्र, तुम निश्चिन्त रहना धुंध डूबी घाटियों के इंद्रधनु तुम छू गए …

Hindi Poem of Anamika “Ayachit“ , “अयाचित ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

अयाचित Ayachit   मेरे भंडार में एक बोरा ‘अगला जनम’ ‘पिछला जनम’ सात कार्टन रख गई थी मेरी माँ। चूहे बहुत चटोरे थे घुनों को पता ही नहीं था …

Hindi Poem of Sishan Saroj “Nind such ki fir hame sore na dega“ , “नींद सुख की फिर हमें सोने न देगा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

नींद सुख की फिर हमें सोने न देगा Nind such ki fir hame sore na dega नींद सुख की फिर हमें सोने न देगा यह तुम्हारे नैन में तिरता …

Hindi Poem of Anamika “Choka“ , “चौका” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

चौका Choka   मैं रोटी बेलती हूँ जैसे पृथ्वी ज्वालामुखी बेलते हैं पहाड़ भूचाल बेलते हैं घर सन्नाटे शब्द बेलते हैं, भाटे समुंदर। रोज़ सुबह सूरज में एक नया …

Hindi Poem of Sishan Saroj “Nadiya ke kinare“ , “नदिया के किनारे” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

नदिया के किनारे Nadiya ke kinare कर दिए लो आज गंगा में प्रवाहित सब तुम्हारे पत्र, सारे चित्र, तुम निश्चिन्त रहना धुंध डूबी घाटियों के इंद्रधनुष छू गए नत …

Hindi Poem of Anamika “Pahli penshan“ , “पहली पेंशन” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

पहली पेंशन Pahli penshan   श्रीमती कार्लेकर अपनी पहली पेंशन लेकर जब घर लौटीं सारी निलम्बित इच्छाएँ अपना दावा पेश करने लगीं। जहाँ जो भी टोकरी उठाई उसके नीचे …