Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Amitabh Tripathi Amit “Jo mere dil me raha ek nishani bankar “ , “जो मेरे दिल में रहा एक निशानी बनकर” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

जो मेरे दिल में रहा एक निशानी बनकर Jo mere dil me raha ek nishani bankar   जो मेरे दिल में रहा एक निशानी बनकर। आज निकला है वही …

Hindi Poem of Bharat Bhushan Aggarwal “Milan“ , “मिलन” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मिलन Milan छलक कर आई न पलकों पर विगत पहचान मुस्करा पाया न होठों पर प्रणय का गान; ज्यों जुड़ी आँखें, मुड़ी तुम, चल पड़ा मैं मूक इस मिलन …

Hindi Poem of Amitabh Tripathi Amit “Umra bhar ka ye karobar raha “ , “उम्र भर का ये कारोबार रहा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

उम्र भर का ये कारोबार रहा Umra bhar ka ye karobar raha   उम्र भर का ये कारोबार रहा। इक इशारे का इन्तेजार रहा। जान आख़िर को किस तरह …

Hindi Poem of Bharat Bhushan Aggarwal “Jagte raho“ , “जागते रहो” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

जागते रहो Jagte raho डूबता दिन, भीगती-सी शाम बन्द कर दो काम, लो विश्राम । यह तिमिर की शाल ओढ़ लो वसुधे! न सिकुड़े शीत से यह लाल, जग …

Hindi Poem of Amitabh Tripathi Amit “Jite kya hai, ji lete hai “ , “जीते क्या हैं, जी लेते हैं” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

जीते क्या हैं, जी लेते हैं Jite kya hai, ji lete hai   जीते क्या हैं, जी लेते हैं। घूँट ज़हर के पी लेते हैं। कहीं दर्द से आह …

Hindi Poem of Bharat Bhushan Aggarwal “Chalte chalte“ , “चलते-चलते” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

चलते-चलते Chalte chalte मैं चाह रहा हूँ, गाऊँ केवल एक गान, आख़िरी समय पर जी में गीतों की भीड़ लगी मैं चाह रहा हूँ, बस, बुझ जाएँ यहीं प्राण, …

Hindi Poem of Amitabh Tripathi Amit “Aashik yaha julf-o-lab-o-sukhsar bahut hai “ , “आशिक यहाँ जुल्फ-ओ-लब-ओ-रुख़्सार बहुत हैं ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

आशिक यहाँ जुल्फ-ओ-लब-ओ-रुख़्सार बहुत हैं Aashik yaha julf-o-lab-o-sukhsar bahut hai   आशिक यहाँ जुल्फ-ओ-लब-ओ-रुख़्सार बहुत हैं। पाने को इक झलक ही तलबगार बहुत हैं। रेशम से भी नाजुक हैं …

Hindi Poem of Bharat Bhushan Aggarwal “Jo likh chuka“ , “जो लिख चुका” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

जो लिख चुका Jo likh chuka जो लिख चुका वह सब मिथ्या है उसे मत गहो! जो लिखा नहीं गया घुमड़कर भीतर ही रहा वही सच है जो मैं …