Category: Hindi Poems
ये रवायत आम है क्यों मुँह छिपाया कीजिये Ye ravayat aam hai kyo muh chipaya kijiye ये रवायत आम है क्यों मुँह छिपाया कीजिये। सीधे रस्ते बन्द हैं …
भारतत्व Bharatav गाँवों में समाजवाद, शहरों में पूँजीवाद, दफ़्तर में सामन्तवाद घर में अधिनायकत्व है कभी-कभी लगता है यही भारतत्व है । Related posts: Hindi Poem of Bharat Bhushan …
याद का इक दिया सा जलता है। Yaad ka ek diya sa jalta hai याद का इक दिया सा जलता है। लौ पकड़ने को दिल मचलता है। ख़्वाब …
यूँ चम्पई रंगत प सिंदूरी निखार है Yu chmpai rangat pa sindur nikhar hai यूँ चम्पई रंगत प सिंदूरी निखार है इंसानी पैरहन में गुले-हरसिंगार है। धानी से …
वसीयत Vasiyat भला राख की ढेरी बनकर क्या होगा? इससे तो अच्छा है कि जाने के पहले अपना सब कुछ दान कर जाऊँ । अपनी आँखें मैं अपनी स्पेशल …
लिहाफ़ों की सिलाई खोलता है Lihafo ki silai kholta hai लिहाफ़ों की सिलाई खोलता है कोई दीवाना है सच बोलता है। बेचता है सड़क पर बाँसुरी जो हवा …
सधे पलड़ों के तराज़ू Sadhe palado ke taraju फांस जो छूती रगों को देखने में कुछ नहीं है रह न पाया एक सांचे से मिला आकार मेरा स्वर्ण प्रतिमा …
मत मंसूबे बाँध बटोही, सफर बड़ा बेढंगा है Mat mansube bandh batohi, safar bada bedhanga hai मत मंसूबे बाँध बटोही, सफर बड़ा बेढंगा है। जिससे मदद मांगता है …