Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Amarnath Shrivastav “Me Bahut khush hu agar“ , “मैं बहुत खुश हूँ अगर” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मैं बहुत खुश हूँ अगर Me Bahut khush hu agar लौटने पर शेष है या कुछ कि मेरे बाद कितना देखना है इस गली में कौन किसको याद कितना …

Hindi Poem of Amitabh Tripathi Amit “Roz jimmedariya badhti gai “ , “रोज़ जिम्मेदारियाँ बढ़ती गईं ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

रोज़ जिम्मेदारियाँ बढ़ती गईं Roz jimmedariya badhti gai   रोज़ जिम्मेदारियाँ बढ़ती गईं। ज़ीस्त की दुश्वारियाँ बढ़ती गईं। पेशकदमी वो करे मैं क्यों बढ़ूँ, इस अहम में दूरियाँ बढ़ती …

Hindi Poem of Amarnath Shrivastav “Baal madhne chali mendhaki“ , “नाल मढ़ाने चली मेढकी” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

नाल मढ़ाने चली मेढकी Baal madhne chali mendhaki कहा चौधरानी ने, हंसकर देखा दासी का गहना `नाल मढ़ाने चली मेढकी इस `कलजुग’ का क्या कहना।’ पति जो हुआ दिवंगत …

Hindi Poem of Amitabh Tripathi Amit “Kisi ko mahal deta hai kisi ko ghar nahi deta “ , “किसी को महल देता है किसी को घर नहीं देता ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

किसी को महल देता है किसी को घर नहीं देता Kisi ko mahal deta hai kisi ko ghar nahi deta   किसी को महल देता है किसी को घर …

Hindi Poem of Amarnath Shrivastav “Batao kya kare“ , “बताओ क्या करें ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

बताओ क्या करें Batao kya kare इस तरह मौसम बदलता है बताओ क्या करें शाम को सूरज निकलता है बताओ क्या करें यह शहर वो है कि जिसमें आदमी …

Hindi Poem of Amitabh Tripathi Amit “Bahut Gumnamo me shamil ek naam apna hi hai “ , “बहुत गुमनामों में शामिल एक नाम अपना भी है ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

बहुत गुमनामों में शामिल एक नाम अपना भी है Bahut Gumnamo me shamil ek naam apna hi hai   बहुत गुमनामों में शामिल एक नाम अपना भी है इल्मे-नाकामी …

Hindi Poem of Amarnath Shrivastav “Anupasthiti meri“ , “अनुपस्थिति मेरी” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

अनुपस्थिति मेरी Anupasthiti meri जहां-जहां मैं रहा उपस्थित अंकित है अनुपस्थिति मेरी। क्रान्ति चली भी साथ हमारे दोनों हाथ मशाल उठाये मेरे कन्धों पर वादक ने परिवर्तन के बिगुल …

Hindi Poem of Amitabh Tripathi Amit “Apni –apni salib dhota hai “ , “अपनी – अपनी सलीब ढोता है ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

अपनी – अपनी सलीब ढोता है Apni –apni salib dhota hai   अपनी – अपनी सलीब ढोता है आदमी कब किसी का होता है है ख़ुदाई-निजाम दुनियाँ का काटता …