Category: Hindi Poems
साए से Saye se क्यों मेरे साथ-साथ आता है? मेरी मंज़िल है बेनिशाँ नादाँ साथ मेरा-तेरा कहाँ नादाँ थक गए पाँव पड़ गए छाले मंज़िलें टिमटिमा रही हैं – …
देख हमारे माथे पर Dekh hamare mathe par देख हमारे माथे पर ये दश्त-ए-तलब की धूल मियां हम से है तेरा दर्द का नाता, देख हमें मत भूल मियां …
प्रेम: एक परिभाषा Prem ek paribhasha प्रेम क्या किसी मृदूष्ण स्पर्श का भिखारी? प्रेम वो प्रपात गीत दिवारात गा रहा अशान्त प्रेम आत्म-विस्मृत पर लक्ष्य-च्युत शिकारी । प्रेम …
लोग पूछेंगे Log puchenge लोग पूछेंगे क्यों उदास हो तुम और जो दिल में आए सो कहियो “यूँ ही माहौल की गिरानी है दिन ख़िज़ाँ के ज़रा उदास-से हैं …
राही से Rahi se इस मुसाफ़िरी का कुछ न ठिकाना भइया! याँ हार बन गया अदना दाना, भइया । है पता न कितनी और दूर है मंज़िल हम …
अपने हमराह जो आते हो इधर से पहले Apne humrah jo aate ho idhar se pahle अपने हमराह जो आते हो इधर से पहले| दश्त पड़ता है मियां इश्क़ …
अ-परंपरित Aparamparit चंद, तुम भाट थे, तुलसी तुम भक्त भूषण, तुम चारण थे, कबिरा अनासक्त भारतेंदु दानी थे, रईस थे पंत और निराला उन्नीस-बीस थे माखनलाल, गुप्तबंधु राष्ट्र …
इक बार कहो तुम मेरी हो Ek bar kaho tum meri ho हम घूम चुके बस्ती-बन में इक आस का फाँस लिए मन में कोई साजन हो, कोई प्यारा …