Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Amitabh Tripathi Amit “Vo mere haq ke liye mera bura karte hai“ , “वो मेरे हक़ के लिये मेरा बुरा करते हैं” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

वो मेरे हक़ के लिये मेरा बुरा करते हैं Vo mere haq ke liye mera bura karte hai   अब अंधेरों में उजालों से डरा करते हैं ख़ौफ़, जुगनूँ …

Hindi Poem of Amarnath Shrivastav “Shobha Yatra “ , “शोभा-यात्रा ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

शोभा-यात्रा Shobha Yatra प्रत्यंचित भौंहों के आगे समझौते केवल समझौते। भीतर चुभन सुई की, बाहर सन्धि-पत्र पढ़ती मुस्कानें। जिस पर मेरे हस्ताक्षर हैं, कैसे हैं ईश्वर ही जाने। आंधी …

Hindi Poem of Amitabh Tripathi Amit “Mujhko inkar aa gya shayad “ , “मुझको इंकार आ गया शायद” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मुझको इंकार आ गया शायद Mujhko inkar aa gya shayad   उनको अब प्यार आ गया शायद मुझको इंकार आ गया शायद एक बेचैन सी ख़मोशी है बक्ते-बीमार आ …

Hindi Poem of Amarnath Shrivastav “Log khade he intjar me“ , “लोग खड़े हैं इंतज़ार में” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

लोग खड़े हैं इंतज़ार में Log khade he intjar me लोग खड़े हैं इंतज़ार में अपनी अपनी बारी के कोई लौटाकर आया है बिल्ले मंसबदारी के घर घर जागे …

Hindi Poem of Amitabh Tripathi Amit “Bajahir khub sona chahta hu “ , “बजाहिर खूब सोना चाहता हूँ ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

बजाहिर खूब सोना चाहता हूँ Bajahir khub sona chahta hu   बजाहिर खूब सोना चाहता हूँ हक़ीक़त है कि रोना चाहता हूँ अश्क़ आँखों को नम करते नहीं अब …

Hindi Poem of Amarnath Shrivastav “Sari ren jagte biti“ , “सारी रैन जागते बीती” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सारी रैन जागते बीती Sari ren jagte biti असगुन के उल्कापातों में सारी रैन जागते बीती जो दिन उजले चंदन चर्चित उसके लिए उपस्थिति वर्जित हुईं कोयला स्वर्ण गिन्नियाँ …

Hindi Poem of Amitabh Tripathi Amit “Khwab hi tha zindagi kitni sahal ho jayegi “ , “ख़्वाब ही था ज़िन्दगी कितनी सहल हो जायेगी” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

ख़्वाब ही था ज़िन्दगी कितनी सहल हो जायेगी Khwab hi tha zindagi kitni sahal ho jayegi   ख़्वाब ही था ज़िन्दगी कितनी सहल हो जायेगी तुम जो गाओगे रुबाई …

Hindi Poem of Prayag Shukla “Striya lati thi milo door se bharkar ghade“ , “स्त्रियाँ लाती थीं मीलों दूर से भरकर घड़े” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

स्त्रियाँ लाती थीं मीलों दूर से भरकर घड़े Striya lati thi milo door se bharkar ghade खड़े थे कई बच्चे तितर-बितर। नहीं था पानी बिजली नहीं थी। कीचड़ था। …