Category: Hindi Poems
दे दिया जाता हूँ De diya jata hu मुझे नहीं मालूम था कि मेरी युवावस्था के दिनों में भी यानी आज भी दृश्यालेख इतना सुन्दर हो सकता है: शाम …
प्रभाती Prabhati आया प्रभात चन्दा जग से कर चुका बात गिन-गिन जिनको थी कटी किसी की दीर्घ रात अनगिन किरणों की भीड़भाड़ से भूल गए पथ, और खो गए, …
सभी लुजलुजे हैं Sabhi Lujluje hai खोंखियाते हैं, किंकियाते हैं, घुन्ना ते हैं चुल्लुा में उल्लूक हो जाते हैं मिनमिनाते हैं, कुड़कुड़ाते हैं सो जाते हैं, बैठ जाते हैं, …
मेरी स्त्री Meri stri प्यारे दर्शको, यह जो स्त्री आप देखते हैं सो मेरी स्त्री है इसकी मुझसे प्रीति है । पर यह भी मेरे लिए एक विडम्बना है …
बेटे से Bete se टूट रहा है यह घर जो तेरे वास्ते बनाया था जहाँ कहीं हो आ जाओ … नहीं यह मत लिखो लिखो जहाँ हो वहीं अपने …
डर Dar बढ़िया अँग्रेज़ी वह आदमी बोलने लगा जो अभी तक मेरी बोली बोल रहा था मैं डर गया । Related posts: Hindi Poem of Akhilesh Tiwari “Kaha talan …
मेरे अनुभव Mere anubhav कितने अनुभवों की स्मृतियाँ ये किशोर मुँह जोहते हैं सुनने को पर मैं याद कर पाता हूँ तो बताते हुए डरता हूँ कि कहीं उन्हें …
निंदा Ninda तुम निंदा के जितने वाक्य निंदा में कहते हो वे निंदा नहीं रह गए हैं और केवल तुम्हारी घबराहट बताते हैं Related posts: Hindi Poem of Raghuveer …