Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Ramdarash Mishra “Abhari hu bahut dosto“ , “आभारी हूँ बहुत दोस्तों” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

आभारी हूँ बहुत दोस्तों Abhari hu bahut dosto आभारी हूँ बहुत दोस्तो, मुझे तुम्हारा प्यार मिला सुख में, दुख में, हार-जीत में एक नहीं सौ बार मिला! सावन गरजा, …

Hindi Poem of Dushyant Kumar “  Nazar navaz nazara badal na jaye kahi“ , “नज़र-नवाज़ नज़ारा बदल न जाए कहीं” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

नज़र-नवाज़ नज़ारा बदल न जाए कहीं  Nazar navaz nazara badal na jaye kahi   नज़र-नवाज़ नज़ारा बदल न जाए कहीं जरा-सी बात है मुँह से निकल न जाए कहीं …

Hindi Poem of Ramdarash Mishra “Vidabhas“ , “विदाभास” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

विदाभास Vidabhas फिर हवा बहने लगी कहने लगीं वनराइयाँ काँपने फिर-फिर लगीं ठहरी हुई परछाइयाँ। थरथराने से लगे कुछ पंख अपने नीड़ में एक छाया छू मुझे उड़, खो …

Hindi Poem of Ramdarash Mishra “Savan aa gayil“ , “सावन आ गइल” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सावन आ गइल Savan aa gayil घेरि-घेरि उठलि घटा घनघोर और कजरार, सावन आ गइल! बेबसी के पार ओते, अवरु हम ए पार, सावन आ गइल! घिरि अकासे उड़े …

Hindi Poem of Dushyant Kumar “ Afvah hai ya sach hai ye koi nahi bola“ , “अफ़वाह है या सच है ये कोई नही बोला” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

अफ़वाह है या सच है ये कोई नही बोला  Afvah hai ya sach hai ye koi nahi bola   अफ़वाह है या सच है ये कोई नही बोला मैंने …

Hindi Poem of Ramdarash Mishra “Banaya hai mene ye ghar dhire dhire“ , “बनाया है मैंने ये घर धीरे-धीरे” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

बनाया है मैंने ये घर धीरे-धीरे Banaya hai mene ye ghar dhire dhire बनाया है मैंने ये घर धीरे-धीरे, खुले मेरे ख़्वाबों के पर धीरे-धीरे। किसी को गिराया न …

Hindi Poem of Dushyant Kumar “  Dharam“ , “धर्म” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

धर्म  Dharam   तेज़ी से एक दर्द मन में जागा मैंने पी लिया, छोटी सी एक ख़ुशी अधरों में आई मैंने उसको फैला दिया, मुझको सन्तोष हुआ और लगा …

Hindi Poem of Ramdarash Mishra “Ganv bachpan ka“ , “गांव बचपन का” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

गांव बचपन का Ganv bachpan ka गाँव बचपन का मुझको बुलाता सदा मुस्कराता हुआ रंग-बिरंगी शहरी तनहाइयों बीच आता हुआ तंग गलियाँ, खुले रास्ते, खेत खलिहान, अमराइयाँ मैं गुज़रता …