Category: Hindi Poems
तुम्हारे पाँव के नीचे कोई ज़मीन नहीं Tumhare panv ke niche koi jamin nahi तुम्हारे पाँव के नीचे कोई ज़मीन नहीं कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें …
यह भी दिन बीत गया Yah bhi din beet gya यह भी दिन बीत गया। पता नहीं जीवन का यह घड़ा एक बूँद भरा या कि एक बूँद रीत …
मेरी कुण्ठा Meri kuntha मेरी कुंठा रेशम के कीड़ों सी ताने-बाने बुनती तड़प-तड़पकर बाहर आने को सिर धुनती, स्वर से शब्दों से भावों से औ’ वीणा से …
सूर्य ढलता ही नही Surya dhalta hi nahi चाहता हूँ, कुछ लिखूँ, पर कुछ निकलता ही नहीं है दोस्त, भीतर आपके कोई विकलता ही नहीं है! आप बैठे हैं …
मैं जिसे ओढ़ता-बिछाता हूँ Me jise odhta bichata hu मैं जिसे ओढ़ता-बिछाता हूँ वो ग़ज़ल आपको सुनाता हूँ एक जंगल है तेरी आँखों में मैं जहाँ राह भूल …
कल फिर सुबह नई होगी Kal fir subah nayi hogi दिन को ही हो गई रात-सी, लगता कालजयी होगी कविता बोली- \”मत उदास हो, कल फिर सुबह नई होगी।\” …
तुलना Tulna गडरिए कितने सुखी हैं । न वे ऊँचे दावे करते हैं न उनको ले कर एक दूसरे को कोसते या लड़ते-मरते हैं। जबकि जनता की सेवा …
एक नीम-मंजरी Ek Neem manjri एक नीम-मंजरी मेरे आँगन झरी काँप रहे लोहे के द्वार। आज गगन मेरे घर झुक गया भटका-सा मेघ यहाँ रुक गया रग-रग में थरथरी …