Category: Hindi Poems
दीवारें Diware जिस दिन हमने तोडी थीं पहली दीवारें, (तुम्हें याद है?) छाती में उत्साह कंठ में जयध्वनियां थीं। उछल-उछल कर गले मिले थे, फिरे बांटते बडी रात तक …
पतवार Patvar आज सिन्धु ने विष उगला है लहरों का यौवन मचला है आज ह्रदय में और सिन्धु में साथ उठा है ज्वार तूफानों की ओर घुमा दो …
सूरज Suraj साधो तुमको विश्वास नहीं होगा रोज़ सवेरे अभी भी सूरज निकलता है गोल-गोल, लाल-लाल उसकी बड़ी-बड़ी आँखें हैं फूले-फूले गाल और भोला-सा मुँह मेरे जी में आता …
असमंजस Asamanjas पथ निर्जन है, एकाकी है, उर में मिटने का आयोजन सामने प्रलय की झाँकी है वाणी में है विषाद के कण प्राणों में कुछ कौतूहल है …
मैं नहीं आया तुम्हारे द्वार Me nahi aaya tumhare dwar पथ ही मुड़ गया था। गति मिली मैं चल पड़ा पथ पर कहीं रुकना मना था, राह अनदेखी, …
सांसों का हिसाब Sanso ka hisab तुम जो जीवित कहलाने के हो आदी तुम जिसको दफ़ना नहीं सकी बरबादी तुम जिनकी धड़कन में गति का वन्दन है तुम …
चमत्कार की प्रतीक्षा Chamatkar ki pratiksha क्या अब भी कोई चमत्कार घटित होगा? जैसे कि ऊपर से गुजरती हुई हवा तुम्हारे सामने साकार खड़ी हो जाए और तुम्हारा हाथ …
पर आँखें नहीं भरीं Par aankhen nahi bhari पर आँखें नहीं भरीं। सीमित उर में चिर-असीम सौंदर्य समा न सका बीन-मुग्ध बेसुध-कुरंग मन रोके नहीं रुका यों तो …