Category: Hindi Poems
अकेले पेड़ों का तूफ़ान Akele pedo ka tufan फिर तेजी से तूफ़ान का झोंका आया और सड़क के किनारे खड़े सिर्फ एक पेड़ को हिला गया शेष पेड़ गुमसुम …
रणभेरी Ranbheri माँ कब से खड़ी पुकार रही पुत्रो निज कर में शस्त्र गहो सेनापति की आवाज़ हुई तैयार रहो , तैयार रहो आओ तुम भी दो आज …
प्यास के भीतर प्यास Pyas ke bhitar pyas प्यास को बुझाते समय हो सकता है कि किसी घूँट पर तुम्हें लगे कि तुम प्यासे हो, तुम्हें पानी चाहिए फिर …
मिट्टी की महिमा Mitti ki mahima कितने रूपों में कुटी-पिटी, हर बार बिखेरी गई, किंतु मिट्टी फिर भी तो नहीं मिटी! आशा में निश्छल पल जाए, छलना में …
मैं अकेला और पानी बरसता है Me akela aur pani barasta hai प्रीती पनिहारिन गई लूटी कहीं है, गगन की गगरी भरी फूटी कहीं है, एक हफ्ते से …
इन दबी यादगारों से In Dabi yadgaro se इन दबी हुई यादगारों से ख़ुशबू आती है और मैं पागल हो जाता हूँ जैसे महामारी डसा चूहा बिल से निकल …
अंगारे और धुआँ Angare aur dhua इनको समेटने को इतने आँचल भी तो चाहिए, ऐसी कतार लौ की दिन-रात जलेगी जो किस-किस की पुतली से क्या-क्या कहिए। क्या …
कौन गाता जा रहा है Kaun gata ja raha hai कौन गाता जा रहा है? मौनता को शब्द देकर शब्द में जीवन सँजोकर कौन बन्दी भावना के पर …