Category: Hindi Poems
सहमते स्वर-5 Sahamte Swar 5 चला आया अपनी ही नज़रों में गिरने से बच गया। नए माहौल में भटकना भला लगता है सुविधा का भरण क्षण तो सड़ा-गला …
सहमते स्वर-4 Sahamte Swar 4 किसी के द्वार बिना मनुहार अथवा समय की पुकार के अनमांगा दण्डकारण्य भी फलता है लंका का स्वर्ण सिर्फ़ जलता है- जलता है! …
मुझको तेरी अस्ति छू गई Mujhko teri asti choo gai मुझको तेरी अस्ति छू गई है अब न भार से विथकित होती हूँ अब न ताप से विगलित होती …
सहमते स्वर-3 Sahamte Swar 3 उतनी ही बड़ी सिद्धि जितनी जग जाती एक कविता लिख लेने में। विगत अड़तालीस वर्षों से तुमने मुझे ऐसा निकम्मा बना दिया कि …
मन में सपने Man me sapne हम कभी चाँद पर नहीं होते सिर्फ़ जंगल में ढूँढ़ते क्यों हो भेड़िए अब किधर नहीं होते कब की दुनिया मसान बन जाती …
मत जियो सिर्फ अपनी खुशी के लिए Mat jiyo siraf apni khushi ke liye कोई सपना बुनो ज़िंदगी के लिए। पोंछ लो दीन दुखियों के आँसू अगर, कुछ नहीं …
सहमते स्वर-1 Sahamte Swar 1 मालवा में जा बसा लखनऊ लौटा तो नए नखत टँके दिखे वक़्त के गरेबाँ में। अनायास याद आई बूढ़ी जीवन संगिनी की जिसका …
बैठे हों जब वो पास Bethe ho jab vo paas फिर भी हो दिल उदास, ख़ुदा ख़ैर करे। मैं दुश्मनों से बच तो गया हूँ, लेकिन हैं दोस्त आस-पास, …