Category: Hindi Poems
पुष्प विकास Pushp Vikas एक दिन मोहन प्रभात ही पधारे, उन्हें देख फूल उठे हाथ-पांव उपवन के । खोल-खोल द्वार फूल घर से निकल आए, देख के लुटाए …
प्रकाश के रंग Prakash ke rang प्रकाशों की धारा दिवस रजनी नित्य बहती सभी की आँखों में अदिख छवि लाई मचल के सधे आवर्तों में घिर कर कई प्राण …
अस्तोदय की वीणा Astodya ki vina बाजे अस्तोदय की वीणा–क्षण-क्षण गगनांगण में रे। हुआ प्रभात छिप गए तारे, संध्या हुई भानु भी हारे, यह उत्थान पतन है व्यापक …
पयोद और धरणी Payod aur dharni पयोदों की धारा गगन तल घेरे क्षितिज में विलंबी होती है, धरणि उर का ताप तज के बुलाती गाती है पल-पल, नए भाव …
दु:खों की छाया Dukho ki chaya दुखों की छाया में यह भव बसा है, नियति की सदिच्छा होगी तो कुछ दिन कटेंगे, समय के सधे आयामों में। भ्रम भ्रम …
निशीथ-चिंता NIshith chinta हे प्रभो! आनन्द दाता ज्ञान हमको दीजिए। शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए। लीजिए हमको शरण में हम सदाचारी बनें। ब्रह्मचारी धर्मरक्षक वीर व्रत-धारी …
टूटा हृदय Tuta hridya कहीं से टूटा भी हृदय अपना नित्य अपना रहेगा । भूले भी पथ पर इसे छोड़ कर जो चलेगा, भोगेगा । क्षण क्षण कहानी अवश …
जो है सो है Jo hai so hai खिले फूलों से ही खिंच कर रमे जो भुवन में अभावों की छाया पकड़ कर भावांत उन का दिखाएगी, क्या है …