Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Ram Naresh Tripathi “ Vah desh kon sa hai“ , “वह देश कौन-सा है?” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

वह देश कौन-सा है?  Vah desh kon sa hai   मन-मोहिनी प्रकृति की गोद में जो बसा है। सुख-स्वर्ग-सा जहाँ है वह देश कौन-सा है? जिसका चरण निरंतर रतनेश …

Hindi Poem of Trilochan “Katik ka payan“ , “कातिक का पयान” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

कातिक का पयान Katik ka payan कातिक पयान करने को है, उठाया है दाहिना चरण, देहरी को लाँघ आया है, लेकिन अँगूठा अभी भूमि से लगा नहीं, ऊपर ही …

Hindi Poem of Amir Khusrow “ Dhakosle ya Anmeliya“ , “ढकोसले या अनमेलियाँ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

ढकोसले या अनमेलियाँ  Dhakosle ya Anmeliya   भार भुजावन हम गए, पल्ले बाँधी ऊन। कुत्ता चरखा लै गयो, काएते फटकूँगी चून।। काकी फूफा घर में हैं कि नायं, नायं …

Hindi Poem of Trilochan “Kala ke abhayasi“ , “कला के अभ्यासी” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

कला के अभ्यासी Kala ke abhayasi कहेंगे जो वक्ता बन कर भले वे विकल हों, कला के अभ्यासी क्षिति तल निवासी जगत के किसी कोने में हों, समझ कर …

Hindi Poem of Amir Khusrow “ Doha Paheli“ , “दोहा पहेली” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

दोहा पहेली  Doha Paheli   उज्जवल बरन अधीन तन, एक चित्त दो ध्यान। देखत मैं तो साधु है, पर निपट पार की खान।। उत्तर – बगुला (पक्षी) एक नारी …

Hindi Poem of Trilochan “Kathin yatra“ , “कठिन यात्रा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

कठिन यात्रा Kathin yatra कभी सोचा मैं ने, सिर पर बड़े भार धर के, सधे पैरों यात्रा सबल पद से भी कठिन है, यहाँ तो प्राणों का विचलन मुझे …

Hindi Poem of Trilochan “Akanksha“ , “आकांक्षा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

आकांक्षा Akanksha सुरीली सारंगी अतुल रस-धारा उगल के कहीं खोई जो थी, बढ़ कर उठाया लहर में, बजाते ही पाया, बज कर यही तार सब को बहा ले जाएँगे, …

Hindi Poem of Amir Khusrow “ Bin-Bujh Paheli (Pahirlapika)“ , “बिन-बूझ पहेली (बहिर्लापिका)” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

बिन-बूझ पहेली (बहिर्लापिका)  Bin-Bujh Paheli (Pahirlapika)   एक नार कुँए में रहे, वाका नीर खेत में बहे। जो कोई वाके नीर को चाखे, फिर जीवन की आस न राखे।। …