Category: Hindi Poems
वह देश कौन-सा है? Vah desh kon sa hai मन-मोहिनी प्रकृति की गोद में जो बसा है। सुख-स्वर्ग-सा जहाँ है वह देश कौन-सा है? जिसका चरण निरंतर रतनेश …
कातिक का पयान Katik ka payan कातिक पयान करने को है, उठाया है दाहिना चरण, देहरी को लाँघ आया है, लेकिन अँगूठा अभी भूमि से लगा नहीं, ऊपर ही …
ढकोसले या अनमेलियाँ Dhakosle ya Anmeliya भार भुजावन हम गए, पल्ले बाँधी ऊन। कुत्ता चरखा लै गयो, काएते फटकूँगी चून।। काकी फूफा घर में हैं कि नायं, नायं …
कला के अभ्यासी Kala ke abhayasi कहेंगे जो वक्ता बन कर भले वे विकल हों, कला के अभ्यासी क्षिति तल निवासी जगत के किसी कोने में हों, समझ कर …
दोहा पहेली Doha Paheli उज्जवल बरन अधीन तन, एक चित्त दो ध्यान। देखत मैं तो साधु है, पर निपट पार की खान।। उत्तर – बगुला (पक्षी) एक नारी …
कठिन यात्रा Kathin yatra कभी सोचा मैं ने, सिर पर बड़े भार धर के, सधे पैरों यात्रा सबल पद से भी कठिन है, यहाँ तो प्राणों का विचलन मुझे …
आकांक्षा Akanksha सुरीली सारंगी अतुल रस-धारा उगल के कहीं खोई जो थी, बढ़ कर उठाया लहर में, बजाते ही पाया, बज कर यही तार सब को बहा ले जाएँगे, …
बिन-बूझ पहेली (बहिर्लापिका) Bin-Bujh Paheli (Pahirlapika) एक नार कुँए में रहे, वाका नीर खेत में बहे। जो कोई वाके नीर को चाखे, फिर जीवन की आस न राखे।। …