Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Gopaldas Neeraj “Udi gulal ghunghar bhai“ , “उड़ि गुलाल घूँघर भई” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

उड़ि गुलाल घूँघर भई  Udi gulal ghunghar bhai   उड़ि गुलाल घूँघर भई तनि रह्यो लाल बितान। चौरी चारु निकुंजनमें ब्याह फाग सुखदान॥ फूलनके सिर सेहरा, फाग रंग रँगे …

Hindi Poem of Trilochan “Sab ka apna prakash“ , “सब का अपना आकाश” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सब का अपना आकाश Sab ka apna prakash हुआ सब का अपना आकाश ढ़ली दुपहर, हो गया अनूप धूप का सोने का सा रूप पेड़ की डालों पर कुछ …

Hindi Poem of Trilochan “Unka ho jata hu“ , “उनका हो जाता हूँ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

उनका हो जाता हूँ Unka ho jata hu तभी हँस देता हूँ देखने वालों की आँखें उस हालत में देखा ही करती हैं आँसू नहीं लाती हैं और जब …

Hindi Poem of Gopaldas Neeraj “Me apno mabhavan lino  “ , “मैं अपनौ मनभावन लीनों” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मैं अपनौ मनभावन लीनों Me apno mabhavan lino     मैं अपनौ मनभावन लीनों॥ इन लोगनको कहा कीनों मन दै मोल लियो री सजनी। रत्न अमोलक नंददुलारो नवल लाल …

Hindi Poem of Trilochan “Laharo me saath rahe koi“ , “लहरों में साथ रहे कोई” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

लहरों में साथ रहे कोई Laharo me saath rahe koi अपरिचय के सागर में दृष्टि को पकड़ कर कुछ बात कहे कोई । लहरें ये लहरें वे इनमें ठहराव …

Hindi Poem of Trilochan “Ek Lahar feli anant ki“ , “एक लहर फैली अनन्त की” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

एक लहर फैली अनन्त की Ek Lahar feli anant ki कभी आँख ने समझी कभी कान ने पाई कभी रोम-रोम से प्राणों में भर आई और है कहानी दिगन्त …

Hindi Poem of Gopaldas Neeraj “Ho jhalo de che rasiya nagar pna“ , “हो झालौ दे छे रसिया नागर पनाँ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

हो झालौ दे छे रसिया नागर पनाँ Ho jhalo de che rasiya nagar pna   हो झालौ दे छे रसिया नागर पनाँ। साराँ देखे लाज मराँ छाँ आवाँ किण …

Hindi Poem of Trilochan “Bheekh mangte usi trilochan ko dekha kal“ , “भीख मांगते उसी त्रिलोचन को देखा कल” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

भीख मांगते उसी त्रिलोचन को देखा कल Bheekh mangte usi trilochan ko dekha kal जिस को  समझा  था है  तो  है  यह फ़ौलादी ठेस-सी  लगी मुझे, क्योंकि  यह मन …