Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Trilochan “Tarun se“ , “तरूण से” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

तरूण से Tarun se तुम्‍हारी शक्ति अतुल है जहाँ कर्म में वह बदली है वहॉं राष्‍ट्र का नया रुप सम्मुख आया है वैयक्तिक भी कार्य तुम्‍हारा सामूहिक है और …

Hindi Poem of Gopaldas Neeraj “ Khalat Phag duhu tiye ko“ , “खेलत फाग दुहूँ तिय कौ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

खेलत फाग दुहूँ तिय कौ  Khalat Phag duhu tiye ko   खेलत फाग दुहूँ तिय कौ मन राखिबै कौ कियौ दाँव नवीनौ प्यार जनाय घरैंनु सौं लै, भरि मूँठि …

Hindi Poem of Trilochan “Hatho ke din“ , “हाथों के दिन” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

हाथों के दिन Hatho ke din यह तो कोई नहीं बताता, करने वाले जहाँ कहीं भी देखा अब तक डरने वाले मिलते हैं। सुख की रोटी कब खायेंगे, सुख …

Hindi Poem of Gopaldas Neeraj “Neel par kati tat“ , “नील पर कटि तट” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

नील पर कटि तट Neel par kati tat   नील पर कटि तट जटनि दै मेरी आली, लटुन सी साँवरी रजनि सरसान दै, नूपुर उतारन किंकनी खोल डारनि दै …

Hindi Poem of Gopaldas Neeraj “Soh kiye dharakohe se nain“ , “सौंह कियें ढरकौहे से नैन” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सौंह कियें ढरकौहे से नैन  Soh kiye dharakohe se nain   सौंह कियें ढरकौहे से नैन, टकी न टटै हिलकी हलियै। मुँह आगै हू आये न सूझयौ कछू ,सु …

Hindi Poem of Trilochan “Chanchal Pawan Pranmay bandhan“ , “चंचल पवन प्राणमय बंधन” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

चंचल पवन प्राणमय बंधन Chanchal Pawan Pranmay bandhan व्योम सभी के ऊपर छाया एक चांदनी का मधु लेकर एक उषा में जगो जगाओ झिझक छोड़ दो, जाल तोड़ दो …

Hindi Poem of Trilochan “Khule tumhare liye hridya ke dwar“ , “खुले तुम्हारे लिए हृदय के द्वार” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

खुले तुम्हारे लिए हृदय के द्वार Khule tumhare liye hridya ke dwar खुले तुम्हारे लिए हृदय के द्वार अपरिचित पास आओ आँखों में सशंक जिज्ञासा मिक्ति कहाँ, है अभी …

Hindi Poem of Gopaldas Neeraj “ Gahi sarovar sorabh le“ , “गाहि सरोवर सौरभ लै” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

गाहि सरोवर सौरभ लै  Gahi sarovar sorabh le   गाहि सरोवर सौरभ लै, ततकाल खिले जलजातन मैं कै। नीठि चलै जल वास अचै, लपटाइ लता तरु  मारग मैं कै। …