Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Trilochan “Bhasha ki lahare“ , “भाषा की लहरें” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

भाषा की लहरें Bhasha ki lahare भाषाओं के अगम समुद्रों का अवगाहन मैंने किया। मुझे मानव–जीवन की माया सदा मुग्ध करती है, अहोरात्र आवाहन सुन सुनकर धाया–धूपा, मन में …

Hindi Poem of Gopaldas Neeraj “Birhanal dah dahe tan tap  “ , “बिरहानल दाह दहै तन ताप” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

बिरहानल दाह दहै तन ताप Birhanal dah dahe tan tap     बिरहानल दाह दहै तन ताप, करी बड़वानल ज्वाल रदी। घर तैं लखि चन्द्रमुखीन चली, चलि माह अन्हान …

Hindi Poem of Trilochan “Hriday ki lipi“ , “हृदय की लिपि” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

हृदय की लिपि Hriday ki lipi यह रहस्य कढ़ा किस ओर से है हृदय की लिपि वायु-तरंग में लिख उठी छवि की अरधान सी नयन देख जिसे चुप हो …

Hindi Poem of Gopaldas Neeraj “Ratnari ho thari ankhadiya “ , “रतनारी हो थारी आँखड़ियाँ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

रतनारी हो थारी आँखड़ियाँ Ratnari ho thari ankhadiya  रतनारी हो थारी आँखड़ियाँ। प्रेम छकी रसबस अलसाड़ी, जाणे कमलकी पाँखड़ियाँ॥ सुंदर रूप लुभाई गति मति, हो गईं ज्यूँ मधु माँखड़ियाँ। …

Hindi Poem of Trilochan “Vinimay“ , “विनिमय” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

विनिमय Vinimay अजाने जाने का अभिनय चला था नियम से, चलेगा आगे भी, जन जन इसे जान कर ही करेंगे भावों का विनिमय, नहीं और पथ है; लड़ाई आत्मा …

Hindi Poem of Gopaldas Neeraj “ Jab bhi is shahar me kamre se me bahar nikala“ , “जब भी इस शहर में कमरे से मैं बाहर निकला” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

जब भी इस शहर में कमरे से मैं बाहर निकला  Jab bhi is shahar me kamre se me bahar nikala   जब भी इस शहर में कमरे से मैं …

Hindi Poem of Gopaldas Neeraj “Isiliye to nagar nagar“ , “इसीलिए तो नगर -नगर” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

इसीलिए तो नगर -नगर Isiliye to nagar nagar इसीलिए तो नगर-नगर बदनाम हो गये मेरे आँसू मैं उनका हो गया कि जिनका कोई पहरेदार नहीं था| जिनका दुःख लिखने …