Category: Hindi Poems
भाषा की लहरें Bhasha ki lahare भाषाओं के अगम समुद्रों का अवगाहन मैंने किया। मुझे मानव–जीवन की माया सदा मुग्ध करती है, अहोरात्र आवाहन सुन सुनकर धाया–धूपा, मन में …
बिरहानल दाह दहै तन ताप Birhanal dah dahe tan tap बिरहानल दाह दहै तन ताप, करी बड़वानल ज्वाल रदी। घर तैं लखि चन्द्रमुखीन चली, चलि माह अन्हान …
हृदय की लिपि Hriday ki lipi यह रहस्य कढ़ा किस ओर से है हृदय की लिपि वायु-तरंग में लिख उठी छवि की अरधान सी नयन देख जिसे चुप हो …
रतनारी हो थारी आँखड़ियाँ Ratnari ho thari ankhadiya रतनारी हो थारी आँखड़ियाँ। प्रेम छकी रसबस अलसाड़ी, जाणे कमलकी पाँखड़ियाँ॥ सुंदर रूप लुभाई गति मति, हो गईं ज्यूँ मधु माँखड़ियाँ। …
स्वर Swar स्वर व्यतीत कदापि नहीं हुए समय-तार बजा कर जो जगे, रँग गई धरती अनुराग से, गगन में नवगुंजन छा गया । Related posts: Hindi Poem of Makhan …
विनिमय Vinimay अजाने जाने का अभिनय चला था नियम से, चलेगा आगे भी, जन जन इसे जान कर ही करेंगे भावों का विनिमय, नहीं और पथ है; लड़ाई आत्मा …
जब भी इस शहर में कमरे से मैं बाहर निकला Jab bhi is shahar me kamre se me bahar nikala जब भी इस शहर में कमरे से मैं …
इसीलिए तो नगर -नगर Isiliye to nagar nagar इसीलिए तो नगर-नगर बदनाम हो गये मेरे आँसू मैं उनका हो गया कि जिनका कोई पहरेदार नहीं था| जिनका दुःख लिखने …