Category: Hindi Poems
जाने कब से है मिरे कांधों पर Jane kab se he mere kandho par जाने कब से हैं मिरे काँधों पर हाथ किसके हैं मिरे काँधों पर? गुज़री …
कल चौंदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तिरा Kal chodvi ki rat thi shab bhar raha charcha tera कल चौंदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा …
सरोवर है श्वसन में Sarovar he swasan me सरोवर है शवासन में! हवा व्याकुल गंध कन्धों पर धरे वृक्ष तट के बौखलाहट से भरे । मूढ़ता-सी छा रही …
जाने तू क्या ढूँढ रहा है बस्ती में वीराने में Jane tu kya dhund raha he basti me virane me जाने तू क्या ढूँढ रहा है बस्ती में वीराने …
कितनी ख़ुशलफ़्ज़ थी तेरी आवाज़ Kitni Khushlafz th thi teri awaz कितनी ख़ुशलफ़्ज़ थी तेरी आवाज़ अब सुनाए कोई वही आवाज़। ढूँढ़ता हूँ मैं आज भी तुझमें काँपते …
हम घूम चुके बस्ती-वन में Hum ghum chuke basti van me हम घूम चुके बस्ती-वन में इक आस का फाँस लिए मन में कोई साजन हो, कोई प्यारा हो …
हाथों का उठना Hatho ka uthna हाथों का उठना कँपना गिर जाना कितने दिन चलेगा? कितने दिन और सहेंगे वे कब चीत्कार करेंगे कब तक होंगे वे तैयार …
वहीं से Vahi se हम जहाँ हैं वहीं से आगे बढे़ंगें देश के बंजर समय के बाँझपन में याकि अपनी लालसाओं के अंधेरे सघन वन में या अगर …