Category: Hindi Poems
मेरी भी आभा है इसमें Meri bhi abha hai isme नए गगन में नया सूर्य जो चमक रहा है यह विशाल भूखंड आज जो दमक रहा है मेरी भी …
अकाल और उसके बाद Aakal aur uske baad कई दिनों तक चूल्हा रोया, चक्की रही उदास कई दिनों तक कानी कुतिया सोई उनके पास कई दिनों तक लगी भीत …
उनको प्रणाम Unko Pranam जो नहीं हो सके पूर्ण–काम मैं उनको करता हूँ प्रणाम । कुछ कंठित औ’ कुछ लक्ष्य–भ्रष्ट जिनके अभिमंत्रित तीर हुए; रण की समाप्ति के पहले …
काले-काले Kale-kale काले-काले ऋतु-रंग काली-काली घन-घटा काले-काले गिरि श्रृंग काली-काली छवि-छटा काले-काले परिवेश काली-काली करतूत काली-काली करतूत काले-काले परिवेश काली-काली मँहगाई काले-काले अध्यादेश Related posts: Hindi Poem of Sumitranand …
सच न बोलना Sach na bolna मलाबार के खेतिहरों को अन्न चाहिए खाने को, डंडपाणि को लठ्ठ चाहिए बिगड़ी बात बनाने को! जंगल में जाकर देखा, नहीं एक भी …
गुलाबी चूड़ियाँ Gulabi Chudiya प्राइवेट बस का ड्राइवर है तो क्या हुआ, सात साल की बच्ची का पिता तो है! सामने गियर से उपर हुक से लटका रक्खी हैं …
बर्बरता की ढाल ठाकरे Barbarta ki Dhal Thakre बाल ठाकरे! बाल ठाकरे! कैसे फ़ासिस्टी प्रभुओं की गला रहा है दाल ठाकरे! अबे सँभल जा, वो पहुँचा बाल ठाकरे! सबने …
गा रही है ज़िंदगी हर तरफ़ Gaa rahi hai zindagi har safar गा रही है ज़िंदगी हर तरफ़ बहार में किस लिये चार चांद लग गये हैं तेरे …