Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Nagarjun “Meri bhi abha hai isme“ , “मेरी भी आभा है इसमें” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मेरी भी आभा है इसमें Meri bhi abha hai isme नए गगन में नया सूर्य जो चमक रहा है यह विशाल भूखंड आज जो दमक रहा है मेरी भी …

Hindi Poem of Nagarjun “Aakal aur uske baad“ , “अकाल और उसके बाद” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

अकाल और उसके बाद Aakal aur uske baad कई दिनों तक चूल्हा रोया, चक्की रही उदास कई दिनों तक कानी कुतिया सोई उनके पास  कई दिनों तक लगी भीत …

Hindi Poem of Nagarjun “Unko Pranam“ , “उनको प्रणाम” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

उनको प्रणाम Unko Pranam जो नहीं हो सके पूर्ण–काम मैं उनको करता हूँ प्रणाम । कुछ कंठित औ’ कुछ लक्ष्य–भ्रष्ट जिनके अभिमंत्रित तीर हुए; रण की समाप्ति के पहले …

Hindi Poem of Nagarjun “Kale-kale“ , “काले-काले” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

काले-काले Kale-kale काले-काले ऋतु-रंग काली-काली घन-घटा काले-काले गिरि श्रृंग काली-काली छवि-छटा काले-काले परिवेश काली-काली करतूत काली-काली करतूत काले-काले परिवेश काली-काली मँहगाई काले-काले अध्यादेश Related posts: Hindi Poem of Sumitranand …

Hindi Poem of Nagarjun “Sach na bolna“ , “सच न बोलना” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सच न बोलना Sach na bolna मलाबार के खेतिहरों को अन्न चाहिए खाने को, डंडपाणि को लठ्ठ चाहिए बिगड़ी बात बनाने को! जंगल में जाकर देखा, नहीं एक भी …

Hindi Poem of Nagarjun “Gulabi Chudiya“ , “गुलाबी चूड़ियाँ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

गुलाबी चूड़ियाँ Gulabi Chudiya प्राइवेट बस का ड्राइवर है तो क्या हुआ, सात साल की बच्ची का पिता तो है! सामने गियर से उपर हुक से लटका रक्खी हैं …

Hindi Poem of Nagarjun “Barbarta ki Dhal Thakre“ , “बर्बरता की ढाल ठाकरे” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

बर्बरता की ढाल ठाकरे Barbarta ki Dhal Thakre बाल ठाकरे!  बाल ठाकरे! कैसे फ़ासिस्टी प्रभुओं की गला रहा है दाल ठाकरे! अबे सँभल जा, वो  पहुँचा बाल ठाकरे! सबने …

Hindi Poem of Pradeep “  Gaa rahi hai zindagi har safar, “गा रही है ज़िंदगी हर तरफ़” Complete Poem for Class 10 and Class 12

गा रही है ज़िंदगी हर तरफ़  Gaa rahi hai zindagi har safar   गा रही है ज़िंदगी हर तरफ़ बहार में किस लिये चार चांद लग गये हैं तेरे …