Category: Hindi Poems
मानुस हौं तो वही Manus ho to vahi मानुस हौं तो वही रसखान, बसौं मिलि गोकुल गाँव के ग्वारन। जो पसु हौं तो कहा बस मेरो, चरौं नित …
प्रेम अगम अनुपम अमित Prem agam anupam amit प्रेम अगम अनुपम अमित सागर सरिस बखान। जो आवत यहि ढिग बहुरि जात नाहिं रसखान। आनंद-अनुभव होत नहिं बिना प्रेम …
बेद की औषद खाइ कछु न करै Bed ki aushadh khai kuch na kare बेद की औषद खाइ कछु न करै बहु संजम री सुनि मोसें। तो जलापान कियौ …
इक और किरीट बसे दुसरी दिसि Ek aur kirit bse dusri disi इक और किरीट बसे दुसरी दिसि लागन के गन गाजत री। मुरली मधुरी धुनि अधिक ओठ …
मोर के चंदन मोर बन्यौ दिन दूलह हे अली Mor ke chandan mor banyo din dulha he ali मोर के चंदन मोर बन्यौ दिन दूलह हे अली नंद …
नो लख गाय सुनी हम नंद के No lakh gay suni ham nand ke नो लख गाय सुनी हम नंद के, तापर दूध दही न अघाने। माँगत भीख …
आई सबै ब्रज गोपालजी ठिठकी Aai sabe braj gopalaji Thithki आई सबै ब्रज गोपालजी ठिठकी ह्मवै गली जमुना जल नहाने। ओचक आइ मिले रसखानि बजावत बेनू सुनावत ताने। …
कीगै कहा जुपै लोग चवाब सदा Kige kaha jupe log chavab sada कीगै कहा जुपै लोग चवाब सदा करिबो करि हैं बृज मारो। सीत न रोकत राखत कागु सुगावत …