Category: Hindi Poems
हरी हुई सब भूमि Hari Hui sab bhumi बरषा सिर पर आ गई हरी हुई सब भूमि बागों में झूले पड़े, रहे भ्रमण-गण झूमि करके याद कुटुंब की …
मुकरियाँ Mukriyan सीटी देकर पास बुलावै। रुपया ले तो निकट बिठावै।। लै भागै मोहि खेलहिं खेल। क्यों सखि सज्जन, नहिं सखि रेल।। सतएँ-अठएँ मा घर आवै। तरह-तरह की …
चने का लटका Chane ka Latka चना जोर गरम। चना बनावैं घासी राम। जिनकी झोली में दूकान।। चना चुरमुर-चुरमुर बोलै। बाबू खाने को मुँह खोलै।। चना खावैं तोकी …
चूरन का लटका Churan ka Latka चूरन अलमबेद का भारी, जिसको खाते कृष्ण मुरारी।। मेरा पाचक है पचलोना, जिसको खाता श्याम सलोना।। चूरन बना मसालेदार, जिसमें खट्टे की …
ऐसे संतनकी सेवा Ese santki seva ऐसे संतनकी सेवा । कर मन ऐसे संतनकी सेवा ॥ध्रु०॥ शील संतोख सदा उर जिनके । नाम रामको लेवा ॥ क०॥१॥ आन …
हरि जनकू हरिनाम बडो धन Hari Janku Harinam bado dhan हरि जनकू हरिनाम बडो धन हरि जनकू हरिनाम ॥ ध्रु०॥ बिन रखवाले चोर नहि चोरत सुवत है …
महाराज भवानी ब्रह्म भुवनकी रानी Maharaja bhavani Braham bhuvnaki rani महाराज भवानी ब्रह्म भुवनकी रानी ॥ध्रु०॥ आगे शंकर तांडव करत है । भाव करत शुलपानी ॥ महा०॥१॥ सुरनर गंधर्वकी …
सुदामजीको देखत श्याम हसे Sudamajiko dekhat shyam hase सुदामजीको देखत श्याम हसे सुदामजीको देखत० ॥ध्रु०॥ हम तुम मित्र है बालपनके । अब तुम दूर बसे ॥ सुदामजी ॥१॥ …