Category: Hindi Poems
हम तो करेंगे – अशोक चक्रधर Hum to karenge -Ashok Chakradhar हम तो करेंगे गुनह करेंगे पुनह करेंगे। वजह नहीं बेवजह करेंगे। कल से ही लो कलह करेंगे। …
जंगल गाथा – अशोक चक्रधर Jangal Gatha -Ashok Chakradhar एक नन्हा मेमना और उसकी माँ बकरी, जा रहे थे जंगल में राह थी संकरी। अचानक सामने से आ गया …
पोल-खोलक यंत्र – अशोक चक्रधर Pol kholk yantra -Ashok Chakradhar ठोकर खाकर हमने जैसे ही यंत्र को उठाया, मस्तक में शूं-शूं की ध्वनि हुई कुछ घरघराया। झटके से …
तुम से आप – अशोक चक्रधर Tum se aap -Ashok Chakradhar तुम भी जल थे हम भी जल थे इतने घुले-मिले थे कि एक दूसरे से जलते न …
कम से कम – अशोक चक्रधर Kam se kam -Ashok Chakradhar एक घुटे हुए नेता ने छंटे हुए शब्दों में भावुक तकरीर दी, भीड़ भावनाओं से चीर दी। …
कौन है ये जैनी? – अशोक चक्रधर Kaun hai ye Jaini ? -Ashok Chakradhar बीवी की नज़र थी बड़ी पैनी- क्यों जी, कौन है ये जैनी? सहज उत्तर …
तो क्या यहीं? – अशोक चक्रधर To kya yahi -Ashok Chakradhar तलब होती है बावली, क्योंकि रहती है उतावली। बौड़म जी ने सिगरेट ख़रीदी एक जनरल स्टोर से, …
नया आदमी – अशोक चक्रधर Naya Aadmi -Ashok Chakradhar डॉक्टर बोला- दूसरों की तरह क्यों नहीं जीते हो, इतनी क्यों पीते हो? वे बोले- मैं तो दूसरों से …