Category: Hindi Poems
स्मृति लोप -अग्निशेखर Smriti Lop -Agnishekhar तरह-तरह से आ रही थी मृत्यु ख़त्म हो रही थीं चीज़ें गायब हो रही थीं स्मृतियाँ पेड़ों से झर रहे थे नदी …
सत्याग्रही पेड़ -अग्निशेखर Satyagrahi ped -Agnishekhar कभी जमा होते थे कांकेर की खंडी नदी के किनारे तुम्हारी छाँव में स्वतन्त्रता सेनानी तुम उनका पसीना पोंछते योजनाएँ सुनते हौंसला …
केन पर भिनसार -अग्निशेखर Ken par bhinsar -Agnishekhar बीच पुल पर खड़ा मैं अवाक ओस भीगी नीरवता में बांदा के आकाश का चन्द्रमा हो रहा विदा केन तट …
कवि और खजुराहो -अग्निशेखर Kavi Aur Khajuraho -Agnishekhar लहकती सरसों और आम्र-मंजरियों से होकर हमने मोटरबाईक पर दौड़ते छोड़ दिए पीछे गाय-बकरियों को चराते लोग खेत काटतीं पसीना …
कांगड़ी -अग्निशेखर Kangadi -Agnishekhar जाड़ा आते ही वह उपेक्षिता पत्नी सी याद आती है अरसे के बाद हम घर के कबाड़ से उसे मुस्कान के साथ निकाल लाते …
उदास कितने थे–गजल -अखिलेश तिवारी Udas kitne the -Akhilesh Tiwari हम उन सवालों को लेकर उदास कितने थे जवाब जिनके यहीं आसपास कितने थे मिली तो आज किसी …
वक़्त कर दे न पाएमाल मुझे -अखिलेश तिवारी Waqt kar de na payemal mujhe -Akhilesh Tiwari वक़्त कर दे न पाएमाल मुझे अब किसी शक्ल में तो ढाल …
मुलाहिज़ा हो मेरी भी उड़ान, पिंजरे में -अखिलेश तिवारी Mulahija ho meri bhi udan, pinjre mein -Akhilesh Tiwari मुलाहिज़ा हो मेरी भी उड़ान, पिंजरे में अता हुए हैं …