Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Akhilesh Tiwari “Gamo ke noor lafzo ko dhalne nikle , “ग़मों के नूर में लफ़्जों को ढालने निकले” Complete Poem for Class 10 and Class 12

ग़मों के नूर में लफ़्जों को ढालने निकले -अखिलेश तिवारी Gamo ke noor lafzo ko dhalne nikle -Akhilesh Tiwari   ग़मों के नूर में लफ़्जों को ढालने निकले गुहरशनास …

Hindi Poem of Akhilesh Tiwari “Kaha talan yu tammana ko dar-b-dar dekhu, “बकहाँ तलक यूँ तमन्ना को दर-ब-दर देखूँ ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

कहाँ तलक यूँ तमन्ना को दर-ब-दर देखूँ -अखिलेश तिवारी Kaha talan yu tammana ko dar-b-dar dekhu -Akhilesh Tiwari   कहाँ तलक यूँ तमन्ना को दर-ब-दर देखूँ सफ़र तमाम करूँ …

Hindi Poem of Akhilesh Tiwari “Kaam ab koi na aayega bas ek dil ke siva, “काम अब कोई न आएगा बस इक दिल के सिवा ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

काम अब कोई न आएगा बस इक दिल के सिवा -अखिलेश तिवारी Kaam ab koi na aayega bas ek dil ke siva -Akhilesh Tiwari   काम अब कोई न …

Hindi Poem of Kanhaiya Lal Matt “Totali Budhiya, “तोतली बुढ़िया ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

तोतली बुढ़िया – कन्हैयालाल मत्त Totali Budhiya -Kanhaiya Lal Matt एक तोतली बुढ़िया माई घुमा रही थी तकली उसके बड़े पोपले मुंह में दांत लगे थे नकली ‘तोता’ जब …

Hindi Poem of Kanhaiya Lal Matt “Danda-doli palki, “डंडा-डोली पालकी ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

डंडा-डोली पालकी – कन्हैयालाल मत्त Danda-doli palki -Kanhaiya Lal Matt डंडा डोली पालकी जय कन्हैया लाल की! आगे-बागे टूल के, झांझ-मंजीरे कूल के शंख समंदर-कूल के ढपली धुर बंगाल …

Hindi Poem of Kanhaiya Lal Matt “Hua Savera, “हुआ सवेरा ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

हुआ सवेरा – कन्हैयालाल मत्त Hua Savera -Kanhaiya Lal Matt हुआ सवेरा, गया अँधेरा, सूरज रहा निकल हाँ भई फक्कड़, लाल बुझक्कड़, तू भी ढंग बदल । बुरे काम …

Hindi Poem of Kanhaiya Lal Matt “Chidiya rani, kidhar chali, “चिड़िया रानी, किधर चली ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

चिड़िया रानी, किधर चली – कन्हैयालाल मत्त Chidiya rani, kidhar chali -Kanhaiya Lal Matt   चिड़िया रानी चिड़िया रानी, किधर चली । मुन्ने राजा मुन्ने राजा, कुज-गली । चिड़िया …

Hindi Poem of Ambar Ranjna Pandey “Badh, “बाढ़ ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

बाढ़ – अम्बर रंजना पाण्डेय Badh – Ambar Ranjna Pandey   साढ़े छह इंच वृष्टि रात्रिमात्र में हो गई । शिप्रा ख़तरे के निशाँ से सात फुट ऊपर बहती …