Category: Hindi Poems
ब-नाला हासिल-ए-दिल-बस्तगी फ़राहम कर – ग़ालिब B-nala hasil-e-bastgi faraham kar -Ghalib ब-नाला हासिल-ए-दिल-बस्तगी फ़राहम कर मता-ए-ख़ाना-ए-ज़ंजीर जुज़ सदा मालूम ब-क़द्र-ए-हौसला-ए-इश्क़ जल्वा-रेज़ी है वगरना ख़ाना-ए-आईना की फ़ज़ा मालूम ‘असद’ …
है बज़्म-ए-बुतां में सुख़न आज़ुर्दा लबों से – ग़ालिब Hain bazam-e-buta mein sukhan Aajurda lambo se -Ghalib है बज़्म-ए-बुताँ में सुख़न आज़ुर्दा-लबों से तंग आए हैं हम ऐसे …
फ़ारिग़ मुझे न जान कि मानिंद-ए-सुब्ह-ओ-मेहर – ग़ालिब Faring mujhe na jaan ki munind-e-subah-o-mehar -Ghalib फ़ारिग़ मुझे न जान कि मानिंद-ए-सुब्ह-ओ-मेहर है दाग़-ए-इश्क़ ज़ीनत-ए-जेब-ए-कफ़न हुनूज़ है नाज़-ए-मुफ़्लिसाँ ज़र-ए-अज़-दस्त-रफ़्ता पर …
पीनस में गुज़रते हैं जो कूचे से वह मेरे – ग़ालिब Pins mein guzarte hein jo kuche se vah mere -Ghalib पीनस में गुज़रते हैं जो कूचे से वह …
नश्शा-हा शादाब-ए-रंग ओ साज़-हा मस्त-ए-तरब – ग़ालिब Nassha-ha Shadab-e-rang o saza-ha mast-e-tarab -Ghalib नश्शा-हा शादाब-ए-रंग ओ साज़-हा मस्त-ए-तरब शीशा-ए-मय सर्व-ए-सब्ज़-ए-जू-ए-बार-ए-नग़्मा है हम-नशीं मत कह कि बरहम कर न …
न लेवे गर ख़स-ए-जौहर तरावत सबज़-ए-ख़त से – ग़ालिब Na leve gar khas-e-johar taravat sabaz-e-khat se -Ghalib न लेवे गर ख़स-ए-जौहर तरावत सब्ज़ा-ए-ख़त से लगावे ख़ाना-ए-आईना में रू-ए-निगार …
नफ़स न अंजुमन-ए-आरज़ू से बाहर खींच – ग़ालिब Nafast na anjuman-e-aarzu se bahar khinch -Ghalib नफ़स न अंजुमन-ए-आरज़ू से बाहर खींच अगर शराब नहीं इन्तज़ार-ए-साग़र खींच कमाल-ए-गरमी-ए सई-ए-तलाश-ए-दीद …
देख कर दर-पर्दा गर्म-ए-दामन-अफ़्शानी मुझे – ग़ालिब Dekh kar dar-parda garm-e-daman-Akshani mujhe -Ghalib देख कर दर-पर्दा गर्म-ए-दामन-अफ़्शानी मुझे कर गई वाबस्ता-ए-तन मेरी उर्यानी मुझे बन गया तेग़-ए-निगाह-ए-यार का संग-ए-फ़साँ …