Category: Hindi Poems
कार-गाह-ए-हस्ती में लाला दाग़-सामाँ है – ग़ालिब Kaar-Gaha-e-hasti mein lala daag-sama hai -Ghalib कार-गाह-ए-हस्ती में लाला दाग़-सामाँ है बर्क़-ए-ख़िर्मन-ए-राहत ख़ून-ए-गर्म-ए-दहक़ाँ है ग़ुंचा ता शगुफ़्तन-हा बर्ग-ए-आफ़ियत मालूम बा-वजूद-ए-दिल-जमई ख़्वाब-ए-गुल …
क़यामत है कि सुन लैला का दश्त-ए-क़ैस में आना – ग़ालिब Kyamat hai ki sun laila ka dasht-e-Kais mein aana -Ghalib क़यामत है कि सुन लैला का दश्त-ए-क़ैस में …
कहते तो हो तुम सब कि बुत-ए-ग़ालिया-मू आए – ग़ालिब Kahte to ho tum sab ki But-e-Ghalibiya-mu aaye -Ghalib कहते तो हो तुम सब कि बुत-ए-ग़ालिया-मू आए यक मरतबा …
क्या तंग हम सितमज़दगां का जहान है – ग़ालिब Kya tan hum Sitamzadga ka jahan hai -Ghalib क्या तंग हम सितमज़दगां का जहान है जिस में कि एक बैज़ा-ए-मोर …
उग रहा है दर-ओ-दीवार से सबज़ा ग़ालिब – ग़ालिब Ugg raha hai dar-o-deevar se sabza Ghalib -Ghalib उग रहा है दर-ओ-दीवार से सबज़ा ग़ालिब हम बयाबां में हैं …
आमद-ए-सैलाब-ए-तूफ़न-ए सदाए आब है – ग़ालिब Aamda-e-selab-e-tufaan-e Sadae aab hai -Ghalib आमद-ए सैलाब-ए तूफ़ान-ए सदाए आब है नक़श-ए-पा जो कान में रखता है उंगली जादह से बज़्म-ए-मय वहशत-कदा …
‘असद’ हम वो जुनूँ-जौलाँ गदा-ए-बे-सर-ओ-पा हैं – ग़ालिब ‘Asad’ hum vo junu-jola gada-e-be-sar-o-pa hein -Ghalib ‘असद’ हम वो जुनूँ-जौलाँ गदा-ए-बे-सर-ओ-पा हैं कि है सर-पंजा-ए-मिज़्गान-ए-आहू पुश्त-ख़ार अपना Related posts: …
अफ़सोस कि दनदां का किया रिज़क़ फ़लक ने – ग़ालिब Afsos ki danda ka kiya rizak falak ne -Ghalib अफ़सोस कि दनदां का किया रिज़क़ फ़लक ने जिन …