Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Rakesh Khandelwal “Hum Kisko parichit kah pate , “हम किसको परिचित कह पाते ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

हम किसको परिचित कह पाते – राकेश खंडेलवाल Hum Kisko parichit kah pate – Rakesh Khandelwal   हम अधरों पर छंद गीत के गज़लों के अशआर लिये हैं स्वर …

Hindi Poem of Rakesh Khandelwal “Mehanga pda mayke jana , “महंगा पड़ा मायके जाना ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

महंगा पड़ा मायके जाना – राकेश खंडेलवाल Mehanga pda mayke jana – Rakesh Khandelwal   तुमने कहा चार दिन, लेकिन छह हफ्ते का लिखा फसाना सच कहता हूँ मीत, …

Hindi Poem of Rakesh Khandelwal “Pyar ki pati , “प्यार की पाती ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

प्यार की पाती – राकेश खंडेलवाल Pyar ki pati – Rakesh Khandelwal   लिखी है पाँखुरी पर ओस से जो भोर ने आकर तुम्हारे नाम भेजी थी वो मैने …

Hindi Poem of Rakesh Khandelwal “Gandh ki parchaiya , “गंध की परछाईयाँ ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

गंध की परछाईयाँ – राकेश खंडेलवाल Gandh ki parchaiya – Rakesh Khandelwal   गंध की परछाईयों के बन के अनुचर रह गये हम अब नही संभव रहा हम राह …

Hindi Poem of Rakesh Khandelwal “Geet to mere adhar par , “गीत तो मेरे अधर पर ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

गीत तो मेरे अधर पर – राकेश खंडेलवाल Geet to mere adhar par – Rakesh Khandelwal   गीत तो मेरे अधर पर रोज ही मचले सुनयने पर तुम्हारे स्पर्श …

Hindi Poem of Rakesh Khandelwal “Dahleej ka pathar , “दहलीज का पत्थर ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

दहलीज का पत्थर – राकेश खंडेलवाल Dahleej ka pathar – Rakesh Khandelwal   शुक्रिया, दहलीज का पत्थर मुझे तुमने बनाया है सुनिश्चित अब तुम्हारे पांव की रज पा सकूँगा …

Hindi Poem of Rakesh Khandelwal “Geet rete honth par , “गीत तेरे होंठ पर ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

गीत तेरे होंठ पर – राकेश खंडेलवाल Geet rete honth par – Rakesh Khandelwal   गीत तेरे होंठ पर खुद ही मचलने लग पड़ें आ इसलिये हर भाष्य को …

Hindi Poem of Rakesh Khandelwal “Aastha, “आस्था ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

आस्था – राकेश खंडेलवाल Aastha – Rakesh Khandelwal   हमने सिन्दूर में पत्थरों को रँगा मान्यता दी बिठा बरगदों के तले भोर, अभिषेक किरणों से करते रहे घी के …