Category: Hindi Poems
हम किसको परिचित कह पाते – राकेश खंडेलवाल Hum Kisko parichit kah pate – Rakesh Khandelwal हम अधरों पर छंद गीत के गज़लों के अशआर लिये हैं स्वर …
महंगा पड़ा मायके जाना – राकेश खंडेलवाल Mehanga pda mayke jana – Rakesh Khandelwal तुमने कहा चार दिन, लेकिन छह हफ्ते का लिखा फसाना सच कहता हूँ मीत, …
प्यार की पाती – राकेश खंडेलवाल Pyar ki pati – Rakesh Khandelwal लिखी है पाँखुरी पर ओस से जो भोर ने आकर तुम्हारे नाम भेजी थी वो मैने …
गंध की परछाईयाँ – राकेश खंडेलवाल Gandh ki parchaiya – Rakesh Khandelwal गंध की परछाईयों के बन के अनुचर रह गये हम अब नही संभव रहा हम राह …
गीत तो मेरे अधर पर – राकेश खंडेलवाल Geet to mere adhar par – Rakesh Khandelwal गीत तो मेरे अधर पर रोज ही मचले सुनयने पर तुम्हारे स्पर्श …
दहलीज का पत्थर – राकेश खंडेलवाल Dahleej ka pathar – Rakesh Khandelwal शुक्रिया, दहलीज का पत्थर मुझे तुमने बनाया है सुनिश्चित अब तुम्हारे पांव की रज पा सकूँगा …
गीत तेरे होंठ पर – राकेश खंडेलवाल Geet rete honth par – Rakesh Khandelwal गीत तेरे होंठ पर खुद ही मचलने लग पड़ें आ इसलिये हर भाष्य को …
आस्था – राकेश खंडेलवाल Aastha – Rakesh Khandelwal हमने सिन्दूर में पत्थरों को रँगा मान्यता दी बिठा बरगदों के तले भोर, अभिषेक किरणों से करते रहे घी के …