Category: Hindi Poems
जैसे छंद गीत में रहता – राकेश खंडेलवाल Jaise chand geet mein rehta – Rakesh Khandelwal जैसे छंद गीत में रहता, मंदिर में रहता गंगाजल मीत बसे हो …
होली – राकेश खंडेलवाल Holi – Rakesh Khandelwal न बजती बाँसुरी कोई न खनके पांव की पायल न खेतों में लहरता है किसी का टेसुआ आँचल् न कलियां …
याद की प्रतीक्षा – राकेश खंडेलवाल Yaad ki pratiksha – Rakesh Khandelwal धुंध में डूबी हुई एकाकियत बोझिल हुई है मैं किसी की याद की पल पल प्रतीक्षा …
इक गीत लिखूँ – राकेश खंडेलवाल Ek geet likhu – Rakesh Khandelwal बहुत दिनों से सोच रहा हूँ कोई गीत लिखूँ इतिहासों में मिले न जैसी, ऐसी प्रीत …
यादों के दीपक – राकेश खंडेलवाल Yado ke deepak – Rakesh Khandelwal सिरहाने के तकिये में जब ओस कमल की खो जाती है राह भटक कर कोई बदली, …
फिर कहाँ संभव रहा अब गीत कोई गुनगुनाऊँ – राकेश खंडेलवाल Fir kaha sambhav raha ab geet koi gungunau – Rakesh Khandelwal भोर की हर किरन बन कर …
हिन्दी हत्या (अरुण जैमिनी) Hindi Hatya -Arun Jemini सरकारी कार्यालय में नौकरी मांगने पहुँचा तो अधिकारी ने पूछा- “क्या किया है” मैंने कहा- “एम.ए.” वो बोला- “किस में” …
रहस्य उद्धाटन (अरुण जैमिनी) Rahsya Udhghatan -Arun Jemini “पुरुष महिलाओं से होते हैं अधिक बातूनी” समाज शास्त्र के प्राध्यापक की यह टिप्पणी समाचार-पत्रों में पढ़कर महिलाओं के पुलकित …