Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Majruh Sultanpuri “Hum hein Mata e kucha-o-bazar ki tarha , “हम हैं माता ए कूचा-ओ-बाज़ार की तरह ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

हम हैं माता ए कूचा-ओ-बाज़ार की तरह – मजरूह सुल्तानपुरी Hum hein Mata e kucha-o-bazar ki tarha – Majruh Sultanpuri   हम हैं मता-ए-कूचा-ओ-बाज़ार की तरह उठती है हर …

Hindi Poem of Majruh Sultanpuri “Hame e dil kahi le chal bada tera karam hoga , “हमें ए दिल कहीं ले चल बड़ा तेरा करम होगा ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

हमें ए दिल कहीं ले चल बड़ा तेरा करम होगा – मजरूह सुल्तानपुरी Hame e dil kahi le chal bada tera karam hoga – Majruh Sultanpuri   हमें ए …

Hindi Poem of Majruh Sultanpuri “aanchal me saja lena kaliya julfo mein sitare bhar lena , “आँचल मे सज़ा लेना कलियाँ जुल्फों मे सितारे भर लेना ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

आँचल मे सज़ा लेना कलियाँ जुल्फों मे सितारे भर लेना – मजरूह सुल्तानपुरी aanchal me saja lena kaliya julfo mein sitare bhar lena – Majruh Sultanpuri   आँचल में …

Hindi Poem of Majruh Sultanpuri “Uthaye ja unke sitam or jiye ja , “उठाये जा उनके सितम और जिए जा ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

उठाये जा उनके सितम और जिए जा – मजरूह सुल्तानपुरी Uthaye ja unke sitam or jiye ja – Majruh Sultanpuri   उठाये जा उनके सितम और जिए जा यों …

Hindi Poem of Majruh Sultanpuri “Vo jo Mooh fer kar gujar jaye , “वो जो मुह फेर कर गुजर जाए” Complete Poem for Class 10 and Class 12

वो जो मुह फेर कर गुजर जाए – मजरूह सुल्तानपुरी Vo jo Mooh fer kar gujar jaye – Majruh Sultanpuri   वो जो मुह फेर कर गुजर जाए हश्र …

Hindi Poem of Majruh Sultanpuri “Koi aatish dar-subu shola-b-jma aa hi gya , “कोई आतिश दर-सुबू शोला-ब-जाम आ ही गया ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

कोई आतिश दर-सुबू शोला-ब-जाम आ ही गया – मजरूह सुल्तानपुरी Koi aatish dar-subu shola-b-jma aa hi gya – Majruh Sultanpuri   कोई आतिश दर-सुबू शोला-ब-जाम आ ही गया आफ़ताब …

Hindi Poem of Majruh Sultanpuri “dushmano ki dosti hai ab ahle vata ke saath , “दुश्मनों की दोस्ती है अब अहले वतन के साथ ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

दुश्मनों की दोस्ती है अब अहले वतन के साथ – मजरूह सुल्तानपुरी dushmano ki dosti hai ab ahle vata ke saath – Majruh Sultanpuri   दुश्मनों की दोस्ती है …

Hindi Poem of Majruh Sultanpuri “Pahle so baar idher or udhar dekha hai , “पहले सौ बार इधर और उधर देखा है ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

पहले सौ बार इधर और उधर देखा है – मजरूह सुल्तानपुरी Pahle so baar idher or udhar dekha hai – Majruh Sultanpuri   पहले सौ बार इधर और उधर …