Category: Hindi Poems
मसर्रतों को ये अहले-हवस न खो देते – मजरूह सुल्तानपुरी Masrato ko ye ahle-havas na kho dete – Majruh Sultanpuri मसर्रतों को ये अहले-हवस न खो देते जो …
कब तक मलूँ जबीं से – मजरूह सुल्तानपुरी Kab tak mlu jabi se – Majruh Sultanpuri कब तक मलूँ जबीं से उस संग-ए-दर को मैं ऐ बेकसी संभाल, …
जला के मशाल-ए-जान हम जुनूं सिफात चले – मजरूह सुल्तानपुरी Jla ke mashal-e-jaan hum junu sifat chale – Majruh Sultanpuri जला के मशाल-ए-जान हम जुनूं सिफात चले जो …
ख़त्म-ए-शोर-ए-तूफ़ाँ – मजरूह सुल्तानपुरी Khatam-e-shor-e-toofa – Majruh Sultanpuri ख़त्म-ए-शोर-ए-तूफ़ाँ था दूर थी सियाही भी दम के दम में अफ़साना थी मेरी तबाही भी इल्तफ़ात समझूँ या बेरुख़ी कहूँ …
निगाह-ए-साक़ी-ए-नामहरबाँ – मजरूह सुल्तानपुरी Nigah-e-saaki-e-naamharba – Majruh Sultanpuri निगाह-ए-साक़ी-ए-नामहरबाँ ये क्या जाने कि टूट जाते हैं ख़ुद दिल के साथ पैमाने मिली जब उनसे नज़र बस रहा था …
हम को जुनूँ क्या सिखलाते हो – मजरूह सुल्तानपुरी Hum ko Junu kya sikhlate ho – Majruh Sultanpuri हम को जुनूँ क्या सिखलाते हो हम थे परेशाँ तुमसे …
हम है मता-ए-कूचा-ओ-बज़ार की तरह – मजरूह सुल्तानपुरी Hum hai mta-e-kucha-o-bazar ki tarha – Majruh Sultanpuri हम हैं मता-ए-कूचा-ओ-बाज़ार की तरह उठती है हर निगाह ख़रीदार की तरह …
मुझे सहल हो गईं मंज़िलें – मजरूह सुल्तानपुरी Mujhe sahal ho gai manjile – Majruh Sultanpuri मुझे सहल हो गईं मंजिलें वो हवा के रुख भी बदल गये …